राजद विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने सोमवार को मांग की कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तेजस्वी प्रसाद यादव बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दे दें।
गायघाट से राजद विधायक महेश्वर यादव ने मंगलवार को तेजस्वी द्वारा बुलायी बैठक में नहीं शामिल होने का एलान करते हुए मांग की कि लोकसभा चुनाव में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तेजस्वी बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता के पद से इस्तीफा दें।
यादव ने कहा कि किसी वरिष्ठ पार्टी नेता को इस पद पर बैठाया जाए क्योंकि तेजस्वी बिहार में फेल हो चुके हैं। महेश्वर ने यह भी आरोप लगाया कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने राजद को प्राइवेट कंपनी बनाकर पार्टी को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि राजद के कई अन्य विधायक तेजस्वी से नाराज हैं और ये नाराज नेता उनके संपर्क में हैं।
उन्होंने पार्टी नेतृत्व को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो राजद विधायक दल टूट जाएगा। यादव ने कहा, लोग अब वंशवाद राजनीति से परेशान हो चुके हैं। मैं नाम नहीं लूंगा लेकिन ऐसे कई विधायक हैं, जो अब घुटन महसूस कर रहे हैं।
जब लालू यादव ने राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाया था, जब भी मैंने इसे गलत कदम बताया था। मैंने कहा था कि इससे पार्टी को नुकसान होगा। पिछले कुछ समय में विधानसभा में पार्टी 22 सीटों तक सिमट गई है। लोकसभा में सिर्फ 4 सीटें बची थीं''
यादव ने कहा, ''जब नीतीश कुमार के साथ गठबंधन हुआ था, तब उन्हें सत्ता वापस मिल गई, लेकिन वह भाई-भतीजावाद से इतने प्रभावित हैं कि दोनों बेटों को मंत्री बना दिया गया।'' आरजेडी नेता ने कहा, ''लोकसभा चुनाव में जनता ने वंशवाद राजनीति को सिरे से खारिज कर दिया। नीतीश कुमार अच्छे नेता हैं। मैं आरजेडी नहीं छोड़ूंगा, लेकिन अगर आरजेडी में वंशवाद राजनीति का अंत नहीं हुआ तो मेरे अलावा कई और नेता खुद को पार्टी से दूर कर लेंगे। ''
लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। एनडीए ने गठबंधन का सूपड़ा साफ करते हुए 40 में से 39 सीट जीत लीं। आरजेडी एक सीट भी नहीं जीत पाई।