पटनाः राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल एवं राजद विधायक तेजप्रताप यादव के प्रेम प्रसंग का मामला सामने आने के बाद लालू परिवार के साथ-साथ बिहार के सियासी गलियारे में खलबली मची हुई है। लोगों के मन में बार-बार यह सवाल आ रहा है कि तेज प्रताप यादव अब क्या करेंगे? इसबीच तेजप्रताप यादव मामले में एक और नया एंगल जुड़ गया है। दरअसल, तेजप्रताप की अब एक और गर्लफ्रेंड की चर्चा शुरू हो गई है, जिनका नाम निशु सिन्हा बताया जा रहा है। इसको लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक ट्वीट कर कहा था कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि किसी “सिन्हा” के चक्कर में लालू परिवार अनुष्का यादव की ज़िंदगी भी बर्बाद करवा दे? ऐसे में अब यह सवाल उठ रहा है कि तेजप्रताप अब क्या करेंगे? कुछ विश्लेषकों का मानना है कि वे नई पार्टी बना सकते हैं या किसी अन्य दल से गठजोड़ कर सकते हैं।
2019 में तेज प्रताप ने लालू-राबड़ी मोर्चा बनाने की घोषणा की थी, क्या अब वे फिर बगावत करेंगे? दरअसल, बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव है। ऐसे में तेज प्रताप यादव हाथ पर हाथ धरे तो नहीं बैंठेंगे। सूत्रों का कहना है कि तेज प्रताव यादव एक बड़ा राजनीतिक फैसला ले सकते हैं। राजद के दरवाजे बंद होने के बाद वह अपनी नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि तेज प्रताप यादव की चुप्पी इस बात का इशारा कर रही है कि वह कुछ बड़ा करने की सोच रहे हैं। वह अपनी अलग सियासी ताकत खड़ी करने की तैयारी में हैं। इसके लिए वह दो नामों पर विचार कर रहे हैं। एक नाम होगा डीएसएस यानी धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ और दूसरा सीजेपी यानी छात्र जनशक्ति परिषद।
ऐसे में अगर तेज प्रताप अपनी अलग पार्टी बनाते हैं तो इन दोनों नामों में से एक पर विचार करेंगे। इसकी वजह भी है। साफ तौर पर देखा जा सकता है कि, 2025 बिहार के लिए चुनावी साल है। ऐसे वक्त पर पार्टी से जुड़ी कोई बड़ी समस्या उत्पन्न होने की संभावना को लेकर कड़ा एक्शन लिया गया।
वैसे, यह पहली बार नहीं है, जब तेजप्रताप यादव विवादों में घिरे और पार्टी-परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बल्कि इससे पहले कई बार इस तरह की स्थिती उत्पन्न हुई है। बता दें कि यह साल 2017 में तेजप्रताप यादव ने डीएसएस (धर्मनिरपेक्ष सेवक संघ) बनाया था। 2022 में उन्होंने इसका पुनर्गठन किया और राष्ट्रीय अध्यक्ष विमलेश यादव को बनाया।
उस वक्त उन्होंने कहा था कि डीएसएस को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया जाएगा। डीएसएस, आरएसएस और योगी आदित्यनाथ के संगठन हिन्दू वाहिनी सेना का मुकाबले करने को तैयार है। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब तेज प्रताप यादव अपने व्यवहार और बयानों को लेकर पार्टी नेतृत्व के लिए मुश्किल खड़ी कर चुके हैं।
तेज प्रताप यादव ने 2015 में महुआ विधानसभा सीट से जीतकर राजनीति में कदम रखा और जल्द ही उन्हें स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया।हालांकि उनका कार्यकाल विवादों और विवादास्पद बयानों से भरा रहा। उनका अस्पतालों के निरीक्षण में डॉक्टरों से उलझना चर्चे में रहा। भगवान शिव और श्रीकृष्ण के अवतार में नजर आना और धार्मिक आयोजन और होली पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन करवाना।
सोशल मीडिया पर नाटकीय और भावनात्मक पोस्ट करना। इस तरह की चीजों ने उन्हें एक राजनीतिक स्टार से ज्यादा एक सोशल मीडिया फिगर बना दिया। तेज प्रताप यादव ने हाल ही में ऐलान किया था कि वे महुआ से फिर चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन अब जब राजद से बाहर हो चुके हैं, तो विकल्प सीमित है।
उल्लेखनीय है कि शादी साल 2018 में पूर्व मंत्री चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से हुआ था। जल्द ही मतभेद हो गया और बात तलाक तक पहुंच गई। हालांकि, ये मामला अभी कोर्ट में लंबित है। साल 2024 में अनुष्का यादव नाम की युवती के साथ वीडियो वायरल हुआ, जिसने तेज प्रताप को फिर से सुर्खियों में ला दिया था। ये विवाद अक्सर पार्टी नेतृत्व के लिए राजनीतिक सिरदर्द बन जाते हैं, और संभवतः निष्कासन का एक प्रमुख कारण भी है।