यूपी में डिजिटल हाजिरी के खिलाफ शिक्षक लामबंद, रामगोपाल यादव का शिक्षकों को मिला समर्थन  

By राजेंद्र कुमार | Updated: July 9, 2024 19:33 IST2024-07-09T19:33:43+5:302024-07-09T19:33:43+5:30

शिक्षकों के विरोध को देखते हुए डीजी स्‍कूल ने ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने के लिए निर्धारित समय से 30 मिनट और पढ़ा दिया है। इसके बाद भी शिक्षकों का आक्रोश थम नहीं रहा हैं।

Teachers mobilized against digital attendance in UP, Ram Gopal Yadav supported the teachers | यूपी में डिजिटल हाजिरी के खिलाफ शिक्षक लामबंद, रामगोपाल यादव का शिक्षकों को मिला समर्थन  

यूपी में डिजिटल हाजिरी के खिलाफ शिक्षक लामबंद, रामगोपाल यादव का शिक्षकों को मिला समर्थन  

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन अटेंडेंस (डिजिटल हाजिरी) को लेकर शिक्षकों का विरोध थम नहीं रही हैं। बीते तीन दोनों के शिक्षकों के भारी विरोध के कारण परिषदीय प्राइमरी स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था धड़ाम हो गई। पूरे प्रदेश में कुल 6,09,282 परिषदीय प्राइमरी शिक्षकों में 2.6% यानि सिर्फ 16,015 शिक्षकों ने ही ऑनलाइन हाजिरी दर्ज की, बाकी शिक्षकों ने इसका बहिष्कार किया। शिक्षकों के विरोध को देखते हुए डीजी स्‍कूल ने ऑनलाइन अटेंडेंस लगाने के लिए निर्धारित समय से 30 मिनट और पढ़ा दिया है। इसके बाद भी शिक्षकों का आक्रोश थम नहीं रहा हैं। मंगलवार को समाजवादी पारी (सपा) के राज्यसभा सांसद प्रो. रामगोपाल यादव भी नाराज शिक्षकों के साथ समर्थन में आ गए और उन्होने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से डिजिटल हाजिरी के आदेश को वापस लिए जाने की मांग की है। 

सरकार आदेश वापस ले : रामगोपाल 

सपा प्रवक्ता आशुतोष वर्मा के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद प्रो. राम गोपाल यादव ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में लिखा है, उत्तर प्रदेश सरकार अध्यापकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कराने को आमादा है। वहीं सरकार अध्यापकों की साल में 30 सीएल और हाफ सीएल देने की मांग मान नहीं रही है। अध्यापकों की स्थिति इतनी दयनीय है कि अपनी शादी के लिए भी टीचर को मेडिकल लीव लेनी पड़ती है। और  अध्यापकों की कमी के कारण किसी-किसी विद्यालय में एक ही टीचर को क्लास एक से लेकर पांचवीं तक सारे दिन पढ़ाना पड़ता है। 

यह सब लिखते हुए प्रो. रामगोपाल यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग करते हुए अनुरोध किया कि ऑनलाइन अटेंडेंस के आदेश को वापस लेकर पहले टीचर्स की समस्याओं का निराकरण करने का कष्ट करें। इस मामले में सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने भी सीएम योगी को पत्र लिखा है। आशुतोष सिन्हा का कहना है कि ऑनलाइन उपस्थिति अनुपयोगी है, लेकिन कमीशनखोरी के लिए अधिकारी इस व्यवस्था को लागू करने पर ज़ोर दे रहे हैं। शिक्षकों पर इतना अविश्वास करना उचित नहीं है। अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट देना बंद कराएं। 

सरकार ने की शिक्षक संगठनों से अपील

प्रो रामगोपाल के इस आग्रह का सूबे की सरकार ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है। वही बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एम के शनमुगा सुन्दरम का कहना है कि सूबे के स्कूलों में छह लाख से अधिक शिक्षकों की समय पर उपस्थिति बहुत आवश्यक है। शिक्षकों का समय पर आगमन, स्कूल से बाहर के बच्चों को स्कूल प्रणाली में लाना, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण आदि से हमारे बच्चे शिक्षा में उत्कृष्टता सुनिश्चित करेंगे. आशा है कि जल्द ही शिक्षकों की उपस्थिति में और सुधार होगा। 

शिक्षकों का विरोध / मांगें : 

- बारिश व बाढ़ के मौसम में कहीं स्कूल डूबे हैं, कहीं रास्ते, लागू करने का समय गलत।
- शाम की हाजिरी की तय समय की अनिवार्यता गलत, आकस्मिक परिस्थिति में शिक्षक कैसे जाएगा।
- हाफ सीएल की व्यवस्था हो, अटेंडेंस पोर्टल दिन भर खुले, चार दिन देरी पर एक कैजुअल लीव काट ली जाए।
- आपात स्थिति आंधी, बारिश, बाढ़, जाम, राजनीतिक-धार्मिक आयोजनों में रास्ता बंद होने पर हाजिरी में ढील दी जाए।
- ऐप पर लोकेशन कई जगह गलत बता रहा, नेटवर्क की दिक्कत, ऐसे में एक-दो मिनट की देरी भी गैरहाजिर कर देगी।

Web Title: Teachers mobilized against digital attendance in UP, Ram Gopal Yadav supported the teachers

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