तमिलनाडु की अन्ना यूनिवर्सिटी ने फैसला किया है कि बीटेक और एमटेक के विद्यार्थियों के लिए तीसरे सेमेस्टर में फिलॉसफी यानी दर्शनशास्त्र पढ़ना अनिवार्य होगा। विश्वविद्यालय के कुलपति एमके सुरप्पा ने कहा, ''मैं सूचना विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अपने सहकर्मियों से कहूंगा कि वहां विकल्प जरूर होना चाहिए। हम जल्द ही इसमें संशोधन करेंगे।''
विश्वविद्यालय ने बीटेक-एमटेक विद्यार्थियों को दर्शनशास्त्र पढ़ाने के लिए पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके उद्देश्य में बताया गया है कि भारत और पाश्चात्य परंपराओं का तुलनात्मक दर्शन पढ़ाकर विद्यार्थियों के भीतर एक नई समझ पैदा की जाएगी।
सिलेबस को पांच यूनिट में बांटा गया है। चौथी यूनिट में श्रीमद् भागवत गीता का जिक्र किया गया है। शीर्षक है- नॉलेज एज पावर/ओपरेशन यानी शक्ति और उत्पीड़न का ज्ञान। इसके संक्षेप में लिखा गया है, ''शक्ति: गीता में आत्म बोध के रूप में। कृष्ण की अर्जुन को सलाह कि कैसे मन को जीतें।''
इसके अलावा भी कई दर्शनशास्त्र पढ़ाने के लिए देश और दुनिया के कई महान दर्शनशास्त्रियों की सामग्री शामिल की गई है।