नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को 26/11 मुंबई हमलों के प्रमुख आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रत्यर्पण की पुष्टि की। मुंबई हमलों के एक अन्य मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली का मुख्य सहयोगी तहव्वुर राणा अक्टूबर 2009 में एक अलग मामले में गिरफ्तार होने के बाद अमेरिका की जेल में बंद था। उसने हेडली को वीजा और सिम कार्ड दिलाने में मदद की थी, जब 2006 में हमलों की योजना बनाने के दौरान लश्कर का यह आतंकवादी भारत आया था।
देश की धरती पर हुए सबसे घातक हमलों में से एक में राणा की भूमिका सामने आने के बाद से भारतीय अधिकारियों ने उसे प्रत्यर्पित करवाने के लिए लगातार प्रयास किए। 26 से 29 नवंबर, 2008 तक लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 10 आतंकवादियों ने भारत की वित्तीय राजधानी को घेरे रखा था, जिसमें 166 लोगों की जान चली गई थी।
एनआईए ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर क्या कहा?
एनआईए ने गुरुवार को पुष्टि की कि उसने '26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड' तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण सफलतापूर्वक करवा लिया है। एजेंसी ने कहा कि यह घटनाक्रम ‘वर्ष 2008 की हिंसा के पीछे मुख्य साजिशकर्ता’ को न्याय के कठघरे में लाने के लिए ‘वर्षों के निरंतर और ठोस प्रयासों’ के बाद हुआ है।
एनआईए ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि राणा को ‘भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत उसके प्रत्यर्पण के लिए शुरू की गई कार्यवाही के अनुसार’ अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, "राणा द्वारा इस कदम को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाने के बाद आखिरकार प्रत्यर्पण हो पाया।"
एजेंसी ने कहा, "कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के जिला न्यायालय ने 16 मई 2023 को उसके प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इसके बाद राणा ने नौवीं सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में कई मुकदमे दायर किए, जिनमें से सभी को खारिज कर दिया गया। इसके बाद उसने सर्टिओरीरी रिट, दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक आपातकालीन आवेदन दायर किया, जिसे भी खारिज कर दिया गया।"
बयान में आगे कहा गया है कि भारत द्वारा वांछित आतंकवादी के लिए अमेरिकी सरकार से आत्मसमर्पण वारंट हासिल करने के बाद दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की गई। संघीय जांच एजेंसी ने कहा कि यह प्रक्रिया अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी स्काई मार्शल की सक्रिय सहायता से पूरी की गई।
एनआईए ने पूरी प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) जैसी अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने भी मामले को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाने के लिए अमेरिका में अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय किया।
एनआईए के बयान में कहा गया है, "राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के आतंकवादियों के साथ-साथ पाकिस्तान स्थित अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर 2008 में मुंबई में हुए विनाशकारी आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है।"