Tahawwur Rana Extradition: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण का बृहस्पतिवार को स्वागत किया और कहा कि इन हमलों की साजिश से जुड़े हर व्यक्ति को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। अमेरिका के उच्चतम न्यायालय द्वारा राणा (64) का आवेदन खारिज किए जाने के बाद प्रत्यर्पण से बचने का उसका आखिरी प्रयास विफल रहा और अब उसे भारत लाया जा रहा है। वह पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक है और 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है। थरूर ने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि हम कम से कम एक व्यक्ति को प्रत्यर्पित कराने में सफल रहे।
वर्ष 2008 में 26 नवंबर को मुंबई में हुआ आतंकी हमला हमारे देश के लिए एक भयावह घटना थी, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी। उस साजिश से जुड़े हर व्यक्ति को न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना होगा।’’ थरूर ने कहा, ‘‘मैं वास्तव में उम्मीद कर रहा हूं कि जांच और पूछताछ के जरिए हम इस बारे में और जानकारी हासिल कर पाएंगे कि क्या हुआ था।
कैसे हुआ था और साथ ही इस व्यक्ति को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। जो हुआ वह वाकई भयानक था।’’ केरल से कांग्रेस सांसद ने कहा कि इन हमलों का एक अन्य प्रमुख साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली अभी भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की गिरफ्त से बाहर है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत के लोगों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम इस मामले को बंद करने की दिशा में कुछ प्रगति करें। वह व्यक्ति, डेविड कोलमैन हेडली, अभी भी अमेरिका में है। हमें वास्तव में इस मामले की तह तक जाने की जरूरत है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें इस समय बुरा लग रहा है, क्योंकि 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट के पीड़ित अभी भी न्याय का इंतजार कर रहे हैं। थरूर ने कहा, ‘‘देखते हैं कि हमें इसमें न्याय कब मिल पाता है।’’ पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे तथा विपक्ष के कुछ अन्य नेताओं ने बृहस्पतिवार को 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किए जाने का स्वागत किया।
अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन में भाग ले रहे शिंदे ने इस बारे में पूछे जाने पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह अच्छी बात है।’’ शिंदे 2012 में तत्कालीन कांग्रेस नीत संप्रग सरकार में गृह मंत्री थे, जब मुंबई आतंकवादी हमला करने वाले पाकिस्तान के आतंकियों में से जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।
अमेरिका के उच्चतम न्यायालय द्वारा राणा (64) का आवेदन खारिज किए जाने के बाद प्रत्यर्पण से बचने का उसका आखिरी प्रयास विफल रहा और अब उसे भारत लाया जा रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व गृह मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि राणा के प्रत्यर्पण से पाकिस्तान की एक आतंकी देश के रूप में भूमिका को उजागर करने और 26/11 आतंकी हमलों के सभी साजिशकर्ताओं के नाम उजागर करने में मदद मिलेगी।
पाटिल ने कहा कि सही तरीके से मुकदमा चलना चाहिए। शिवसेना (उबाठा) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि राणा का प्रत्यर्पण आतंकवादी हमले के पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की दिशा में एक कदम है। उन्होंने बुधवार रात ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘अब डेविड हेडली और हाफिज सईद को यहां खींचकर लाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए।’’