Tahawwur Hussain Rana 26/11: भारत आएगा तहव्वुर हुसैन राणा, अमित शाह, जयशंकर और डोभाल की बैठक, जानें अपडेट

By सतीश कुमार सिंह | Updated: April 9, 2025 19:46 IST2025-04-09T19:44:59+5:302025-04-09T19:46:20+5:30

Tahawwur Hussain Rana 26/11: राणा को 2011 में इस मामले में दोषी ठहराया गया और 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई।मुंबई आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोपों से बरी कर दिया गया।

Tahawwur Hussain Rana 26-11 live David Headley spoke 231 times during recces before Who is Rana Mumbai terror attack case | Tahawwur Hussain Rana 26/11: भारत आएगा तहव्वुर हुसैन राणा, अमित शाह, जयशंकर और डोभाल की बैठक, जानें अपडेट

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Highlightsसाल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। शहीद हुए एसआरपीएफ कांस्टेबल के पिता ने बुधवार को आरोपी तहव्वुर राणा के लिए मृत्युदंड की मांग की।पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को जल्द ही अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है।

नई दिल्लीः  राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की संयुक्त टीम कथित तौर पर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत ला रही है। क्योंकि एफबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के 16 साल बाद भी वह संयुक्त राज्य अमेरिका से अपने प्रत्यर्पण को रोकने में विफल रहा है। माना जाता है कि तहव्वुर राणा डेविड कोलमैन हेडली के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है, जो 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंडों में से एक है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे। एनआईए डोजियर के अनुसार, पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा के संपर्क में था और 26/11 हमलों से पहले भारत की अपनी आठ यात्राओं के दौरान उसने राणा को 231 बार कॉल किया था।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विदेश मंत्री जयशंकर और एनएसए डोभाल के साथ बैठक की

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के साथ बैठक की। सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह बैठक मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के अमेरिका से आसन्न प्रत्यर्पण की खबरों की पृष्ठभूमि में हुई। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने विदेश मंत्री और एनएसए के साथ बैठक की।

बैठक में खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और विदेश सचिव विक्रम मिस्री भी मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि यह बैठक अमेरिका द्वारा राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की खबरों के बीच हुई, इसलिए माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई।

केंद्र सरकार की एक बहु-एजेंसी टीम पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को भारत लाने के लिए पहले से ही अमेरिका में है। राणा को भारत प्रत्यर्पित कराकर लाया जाना है ताकि उसपर 26/11 मुंबई हमलों के मामले में यहां मुकदमा चलाया जा सके। सूत्रों ने बताया कि राणा को दिल्ली लाए जाने की उम्मीद है, जहां वह शुरू में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में रहेगा।

जो कानूनी औपचारिकताएं पूरी करेगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उसे नियमित उड़ान से लाया जाएगा या विशेष विमान से। उसे लॉस एंजिलिस के महानगर निरुद्ध केंद्र में रखा गया था। उसे पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है।

अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने राणा को हमलों के एक वर्ष बाद अक्टूबर 2009 में शिकागो से कोपेनहेगन (डेनमार्क) के एक समाचार पत्र पर हमला करने की असफल योजना में सहायता प्रदान करने तथा लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को साजो सामान की सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

मुंबई आतंकवादी हमला: शहीद पुलिसकर्मी के पिता ने राणा के लिए मौत की सजा की मांग की

मुंबई में 2008 में आतंकवादी हमलों में शहीद हुए एसआरपीएफ कांस्टेबल के पिता ने बुधवार को आरोपी तहव्वुर राणा के लिए मृत्युदंड की मांग की। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को जल्द ही अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने की उम्मीद है। शहीद एसआरपीएफ कांस्टेबल राहुल शिंदे के पिता सुभाष शिंदे ने कहा कि हमले के सभी दोषियों को कड़ी सजा देना आतंकवादी हमले में मारे गए पुलिस अधिकारियों और नागरिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगा। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि राणा ने अमेरिका में ऐसे मामलों में उपलब्ध सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया गया है।

उसे जल्द ही भारत लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसे भारत लाने के लिए एक बहु-एजेंसी टीम अमेरिका में है। कुछ समय पहले अमेरिकी उच्चतम न्यायालय के न्यायधीशों ने राणा की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने उसका अंतिम प्रयास विफल हो गया। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।

सुभाष शिंदे ने कहा, ‘‘इस हमले में बहुत से लोग मारे गए थे और इस हमले को लेकर आज भी मैं सिहर जाता हूं, जबकि घटना को 16 साल से अधिक का समय हो चुका है।’’ शहीद कांस्टेबल के 65 वर्षीय पिता ने कहा, ‘‘क्योंकि आतंकवादी हमले में राणा की भूमिका सामने आ चुकी है, इसलिए हमें उसे जेल में जिंदा रखकर नहीं छोड़ना चाहिए; उसे फांसी पर लटका देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि इस घटना में पाकिस्तान की भूमिका भी सामने आई है और दुनिया ने ये सारी बातें देखी हैं। उन्होंने कहा कि साजिश में शामिल सभी लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए। सुभाष शिंदे ने कहा, ‘‘जब भी मैं इस हमले के बारे में बात करता हूं, तो मुझे आतंकवादी हमले की भयावह तस्वीरें नजर आती हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें जो क्षति हुई है, हमारे पुलिसकर्मियों, सैनिकों और नागरिकों की जान गई है, उसे भुलाया नहीं जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि पूरी साजिश का पर्दाफाश करना और हमले के सभी दोषियों को दंडित करना हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों और नागरिकों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगा।

आतंकवादी हमले में घायल हुए एक अन्य पुलिसकर्मी ने कहा कि अधिकारियों को राणा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) के कांस्टेबल राहुल शिंदे दक्षिण मुंबई में ताज महल पैलेस होटल पर आतंकवादियों के हमले के बाद वहां घुसने वाले पहले पुलिसकर्मियों में से एक थे।

आतंकवादियों से लड़ते हुए वह शहीद हो गए थे। सुभाष शिंदे महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में रहते हैं, जहां वह खेती करते हैं। माधा तालुका में उनके गांव सुल्तानपुर का नाम बदलकर उनके बेटे के नाम पर राहुल नगर रख दिया गया है। उनके दूसरे बेटे प्रवीण की एलपीजी एजेंसी है, जो उन्हें सरकार द्वारा दी गई थी। मारे गए 166 लोगों में अमेरिकी, ब्रिटिश और इजराइली नागरिक भी शामिल थे।

राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है, जो 26 नवंबर 2008 (26/11) हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। आतंकवादियों ने मुंबई में कई प्रतिष्ठित स्थानों को निशाना बनाया था, जिनमें होटल ताजमहल और ओबेरॉय होटल, लियोपोल्ड कैफे, चाबड हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (रेलवे स्टेशन) शामिल थे। हेडली ने हमलों से पहले इनमें से प्रत्येक स्थान की टोह ली थी।

मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

मुंबई आतंकवादी हमला मामले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को बहुत जल्द अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किए जाने की संभावना है।

राणा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं:

1. तहव्वुर हुसैन राणा कौन है? राणा (64) पाकिस्तान में जन्मा कनाडाई नागरिक है और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है। उसका जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साहीवाल जिले के चिचावतनी शहर में हुआ था। पाकिस्तान में चिकित्सा की पढ़ाई करने के बाद उसने पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में काम किया। राणा 1990 के दशक के अंत में पाकिस्तानी सेना छोड़कर कनाडा चला गया और बाद में उसे कनाडा की नागरिकता मिल गई। उसने अपने ‘फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज’ उद्यम के माध्यम से आव्रजन सेवा प्रदाता का अपना व्यवसाय शुरू किया। इसके बाद राणा अमेरिका चला गया और शिकागो में अपना कार्यालय स्थापित किया।

2. राणा हेडली के संपर्क में कैसे आया? सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि हेडली, राणा के बचपन का दोस्त है। उसके जन्म के कुछ समय बाद हेडली का परिवार पाकिस्तान चला गया, जहां अटक जिले के हसन अब्दल शहर के एक स्कूल में उसकी पढ़ाई हुई। वहीं, हेडली की राणा से दोस्ती हुई।

3. वर्ष 2008 में 26 नवंबर को मुंबई आतंकवादी हमला मामले में राणा की क्या संलिप्तता है? राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने 11 नवंबर, 2009 को हेडली, राणा और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, और आतंकवाद रोधी सार्क संधि अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। शिकागो, इलिनोइस निवासी हेडली और राणा ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हरकत-उल जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) के सदस्यों के साथ मिलकर नयी दिल्ली और भारत के अन्य स्थानों पर आतंकवादी हमले की आपराधिक साजिश रची थी। साल 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। नवंबर 2012 में, पाकिस्तानी समूह के एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि राणा ने हेडली को भारत के लिए वीजा दिलाने में मदद की थी। आरोप है कि राणा को हेडली के आतंकी संबंधों की जानकारी थी और उसने मुंबई में लक्ष्यों की टोह लेने तथा नयी दिल्ली में ‘नेशनल डिफेंस कॉलेज’ और मुंबई में चबाड हाउस पर हमलों की साजिश रचने में भी मदद की थी। अधिकारियों ने बताया कि हेडली जून 2006 में अमेरिका गया था और राणा से मिला था।

4. राणा के प्रत्यर्पण के बाद आगे क्या होगा? जांच एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि 26/11 हमलों के पीछे पाकिस्तानी सरकारी तत्वों की भूमिका का पता लगाने के लिए राणा को आगे की पूछताछ की खातिर उचित कानूनी प्रक्रिया के बाद एनआईए की हिरासत में रखा जा सकता है। उससे पूछताछ से जांच में कुछ नया खुलासा हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि अधिकारी उसे तिहाड़ जेल की अत्यधिक सुरक्षित कोठरी में रखने के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं।

5. राणा अब अमेरिका में क्यों और कहां है? राणा फिलहाल लॉस एंजिल्स के एक मेट्रोपोलिटन हिरासत केंद्र में बंद है। अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने हमलों के एक साल बाद अक्टूबर 2009 में शिकागो में राणा को कोपेनहेगन (डेनमार्क) में एक समाचार पत्र के कार्यालय पर हमला करने की असफल कोशिश के लिए मदद करने और लश्कर-ए-तैयबा को सहायता देने के आरोप में गिरफ्तार किया था। राणा को 2011 में इस मामले में दोषी ठहराया गया था और 14 साल की सजा सुनाई गई थी।

6. राणा के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया क्यों और कैसे की जाएगी? भारत कई वर्षों से राणा के प्रत्यर्पण का प्रयास कर रहा है, क्योंकि उसके लश्कर-ए-तैयबा और हेडली के साथ संबंध हैं तथा मुम्बई हमलों में उसकी सक्रिय संलिप्तता है। राणा ने अब अमेरिका में उपलब्ध सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग कर लिया है और उसे जल्द ही कानून का सामना करने के लिए भारत लाया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि भारत से एक बहु-एजेंसी टीम अमेरिका गई है और वहां के अधिकारियों के साथ सभी कागजी कार्रवाई और कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।

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