भोपाल:स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में इंदौर ने भारत की क्लीनस्ट सिटी का अवार्ड जीत लिया है ।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली के भारत मण्डपम कन्वेंशन सेंटर में ये अवॉर्ड सीएम डॉ. मोहन यादव को प्रदान किया। इंदौर और सूरत को देश के सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड मिला है। खासबात ये है कि इंदौर को लगातार 7वीं बार ये अवॉर्ड मिला है। जबकि मप्र को देश के दूसरे सबसे स्वच्छ राज्य का अवॉर्ड दिया गया है । लगातार 7 बार से देश के सबसे स्वच्छ शहरों में अव्वल रहने के पीछे इंदौर के सफाई मित्र और लोगों के सहयोग के साथ ही इंदौर नगर निगम द्वारा किए गए नवाचारों के कारण इंदौर लगातार स्वच्छता में सिरमौर बन रहा है ।
क्यों नंबर 1 है इंदौर :
• देश का पहला कचरा मुक्त शहर है इंदौर।
• 1900 टन कचरा रोज निकल रहा है। इसमें 1192
टन सूखा और 692 टन गीला कचरा। इसका सुरक्षित निपटान किया जा रहा है।
• कचरा मुक्त होने के साथ ही इंदौर डस्टबिन फ्री होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
• शहर के 27 बाजार पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त।
• इंदौर देश का पहला ऐसा शहर है जिसे वॉटर प्लस का खिताब मिला।
• रोबोटिक मशीनों से ड्रेनेज चैंबर की सफाई।
• शहर में जीरों वेस्ट वार्ड बनाए गए। इससे कचरा वार्ड में ही खत्म हुआ।
• वेस्ट टू वंडर पार्क से रिड्यूज रिसाइकल और रीयूज को बढ़ावा।
• करीब 150 आदर्श यूरिनल तैयार किए गए।
• सफाई मित्रों के प्रोत्साहन के लिए बेहतर काम करने वालों को पुरस्कृत किया गया।
खास बात यह कि इंदौर ने लगातार सात सालों तक स्वच्छ सर्वेक्षण में न सिर्फ नं. 1 रैंक बरकरार रखी, बल्कि नए-नए प्रयोग कर वेस्ट टू वेल्थ के सस्टेनेबल मॉडल को स्थापित किया। एशिया का सबसे बड़ा 550 टन प्रतिदिन की क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट स्थापित कर 2.52 करोड़ की सालाना आय भी शुरू की। दूसरे शहर जहां कचरे की प्रोसेसिंग में करोड़ों खर्च कर रहे हैं वहीं, हमारा शहर कार्बन क्रेडिट सहित कचरे के उत्पादों से 12 करोड़ रुपए सालाना कमा रहा है। इंदौर इकलौता शहर है, जिसने कचरे के कलेक्शन और ट्रांसपोर्टेशन पर शत-प्रतिशत यूजर चार्ज वसूले और जीरो कॉस्ट मॉडल पेश किया।
इंदौर लगातार सातवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। जिसको लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने कहा- स्वच्छता के सातवें आसमान पर अपना इंदौर। डॉक्टर मोहन यादव ने कहा कि इंदौरवासियों ने पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि अब उनकी सोच में भी स्वच्छता ही है।
इसी के साथ ही इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी सेगमेंट में सेवन स्टार रेटिंग भी मिली है। कचरे को छह हिस्सों में डोर टू डोर सेग्रीगेशन करने के आइडिया को भी अवार्ड मिला। कुल स्वच्छता में तीन अवार्ड इंदौर के खाते में आए हैं।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में भोपाल को देश के पांचवें सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड मिला है। वही जिले के महू ने भी इतिहास रचते हुए स्वच्छता में नंबर 1 कंटोनमेंट बोर्ड का खिताब पहली बार जीता है। गार्बेज फ्री सिटी में थ्री स्टार रेटिंग मिली है। इस बार कुल 9500 अंक का सर्वेक्षण हुआ है।गौरतलब है कि इंदौर में जनता के सहयोग से स्वच्छता एक आदत बनी और निगम द्वारा किए गए नवाचारों से इंदौर देश में स्वच्छता में अव्वल आने में कामयाब हुआ और देश के लिए मिसाल बना ।