सुशील मोदी ने नीतीश सरकार को बताया दलित और पिछड़ा विरोधी, बोले- "पासी समाज के लोग ताड़ी बेचते थे, नीतीश ने वो हक भी छीनकर उन्हें बेरोजगार बना दिया"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: December 16, 2022 06:31 PM2022-12-16T18:31:51+5:302022-12-16T18:36:15+5:30
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार शराबबंदी के नाम पर केवल अपने अहम को तुष्ट कर रहे हैं और दलित और पिछड़े समाज के लोगों के पेट पर लात मार रहे हैं।
दिल्ली: भाजपा के राज्यसभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने छपरा शराब त्रासदी के बहाने नीतीश सरकार को दलित और पिछड़ा बताते हुए आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार अपने अहम के लिए दलित और पिछड़े समाज के लोगों के पेट पर लात मारने का काम कर रहे हैं।
एनडीए शासनकाल में नीतीश कुमार के साथ नंबर दो की पोजिशन रखने वाले सुशील मोदी ने शराबबंदी के नाम पर हो रहे कथित पुलिस अत्याचार का हवाला देते हुए कहा कि सूबे में रहने वाले पासी समाज के लोग पारंपरिक तौर पर ताड़ी बेचने का काम किया करते थे लेकिन नीतीश कुमार ने अपनी अहम और दलित विरोधी मानसिकता के कारण ताड़ी पर भी प्रतिबंध लगाकर उनके बाल-बच्चों को भूखा मरने पर विवश कर दिया है।
इसके साथ ही सुशील मोदी ने छपरा शराब त्रासदी पर भी नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि पता नहीं कौन सी शराबबंदी की है उन्होंने, इतने लोग जहरीली शराब के कारण मर गये लेकिन मुख्यमंत्री पर कोई प्रभाव ही नहीं पड़ रहा है। सुशील मोदी ने कहा कि न केवल छपरा बल्कि सीवान और बेगुसराय से भी इसी तरह की खबरें आ रही हैं और अभी तक जहरीली शराब पीने से 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
सरकार की गलत और हत्यारी नीति के कारम अब भी दर्जनों से उपर जीवन और मौत से जूझ रहे हैं। उसके बाद भी नीतीश कुमार यह कह रहे हैं कि शराब पीयेगा तो मरेगा क्या यह बयान उन्हें शोभा देता है। नीतीश कुमार पटना में बैठे हैं और मंगलवार से लोग जहरीली शराब के कारण मर रहे हैं, क्या उनका फर्ज नहीं बनता था कि वो मौके पर जाते और पीड़ित लोगों को सांत्वना देते।
इसके साथ ही भाजपा सांसद ने बिहार सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश सरकार शराब से हुई मौत का आंकड़ा भी छिपा रही है। पुलिस का डर से मृतकों के शवों को छपरा से अन्य जिलों में ले जाकर दफनाया जा रहा है। उसके बाद भी मुख्यमंत्री कितनी धृष्टता से बयान दे रहे हैं कि जो पिएगा वो मरेगा।
सुशील मोदी ने कहा कि शराब के कारण न केवल भारी संख्या में लोगों की मौत हुई है बल्कि दो दर्जन से अधिक लोगों के आंखों की रोशनी भी चली गई है और सरकार कह रही है कि कोई मुआवजा नहीं देंगे, जो पिएगा, वो मरेगा।
सुशील मोदी ने कहा कि पीड़ित पक्ष दलित है इस कारण कहा जा रहा है कि जो पिएगा वो मरेगा और बच गया तो जेल जाएगा। दरअसल यह सरकार ही दलित और पिछड़ा विरोधी है। इसका सीधा प्रमाण है कि आज भी शराब के नाम पर चार लाख ज्यादा लोगों को जेलों के ठूंसकर रखा गया है। जबकि बड़े शराब सप्लायर पर पुलिस हाथ भी नहीं डालती है।
अब जब शराब ने इतने लोगों को निगल लिया तो सरकार की आंख खुल रही है और बयान जारी किया जा रहा है कि पुलिस शराब के लिए गरीब गुरबों को तंग नहीं करेगी। अगर ऐसा है तो नीतीश कुमार बताएं न कि पासी समाज के लोगों के साथ उनकी सरकार ने क्या किया. क्यों ताड़ी बेचने का पारंपरिक रोजगार उनके छीना गया है। सच्चाई तो यह है कि नीतीश कुमार के कारण बिहार की हालत बहुत खराब हो गई है और आज की तारीख में बिहार को 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है।