नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चुनाव आयोग (ईसीआई) की खिंचाई की। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर उसे कोई अवैधता मिली तो वह पूरी चुनावी प्रक्रिया रद्द कर देगी।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने बिहार में एसआईआर को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं। शीर्ष अदालत ने कहा, "अगर हमें बिहार एसआईआर के किसी भी चरण में चुनाव आयोग द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली में कोई अवैधता मिली, तो पूरी प्रक्रिया रद्द कर दी जाएगी।"
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि चुनाव निकाय एक संवैधानिक प्राधिकारी होने के नाते एसआईआर के दौरान कानून का पालन कर रहा था। पीठ ने कहा, ‘‘बिहार एसआईआर में हमारा फैसला अखिल भारतीय एसआईआर पर लागू होगा।’’ पीठ ने स्पष्ट किया कि वह चुनाव आयोग को देश भर में मतदाता सूची में संशोधन के लिए इसी तरह की प्रक्रिया करने से नहीं रोक सकती।
हालांकि, पीठ ने बिहार एसआईआर अभ्यास के खिलाफ याचिकाकर्ताओं को 7 अक्टूबर को अखिल भारतीय एसआईआर पर भी बहस करने की अनुमति दी। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने 8 सितंबर के शीर्ष अदालत के आदेश को वापस लेने की मांग वाली याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें चुनाव आयोग को बिहार एसआईआर में 12वें निर्धारित दस्तावेज के रूप में आधार कार्ड को शामिल करने का निर्देश दिया गया था।