खेलों के दौरान सिखों की पगड़ी की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनाएगा फैसला
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: July 6, 2018 02:04 PM2018-07-06T14:04:35+5:302018-07-06T14:04:35+5:30
एक साइकिल चलाने की प्रतियोगिता में लगदीप सिंह पुरी से कहा गया कि हेलमेट पहनना अनिवार्य है। जिसके बाद पुरी ने बाईसाइकल असोसिएशन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उस याचिका में यह कहा गया था कि पगड़ी पहनना सिक्ख धर्म का हिस्सा है और संविधान भी अपनी धार्मिक मान्यताओं को मानने का अधिकार देता है।
नई दिल्ली, 6 जुलाई। साइकिल चलाने के दौरान पगड़ी पहनने से जुडी याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आ सकता है। 20 अप्रैल 2018 को लगदीप सिंह पुरी ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की जब एक बाईसाइकिल असोसिएशन ने उन्हें साइकिल चलाने की प्रतियोगिता में भाग लेने से मना कर दिया। कारण यह दिया गया कि वह पगड़ी की वजह से हेलमेट नहीं पहन सकते थे।
एक साइकिल चलाने की प्रतियोगिता में लगदीप सिंह पुरी से कहा गया कि हेलमेट पहनना अनिवार्य है। जिसके बाद पुरी ने बाईसाइकल असोसिएशन के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उस याचिका में यह कहा गया था कि पगड़ी पहनना सिक्ख धर्म का हिस्सा है और संविधान भी अपनी धार्मिक मान्यताओं को मानने का अधिकार देता है। जब पगड़ी के बाद हेलमेट पहनना संभव नहीं है इसके बावजूद हेलमेट की हेलमेट की अनिवार्यता क्यों?
Supreme Court issues notice to the Centre and Cycling Federation of India on a plea filed by a Sikh cyclist who was reportedly denied participation in a long distance cycling competition, because he couldn't wear a helmet because of his turban.
— ANI (@ANI) July 6, 2018
इस पर न्यायाधीश एस.ए बोबडे और एल.एन. राव की बेंच ने कहा कि “हम यह मानते हैं कि पगड़ी सिख धर्म में अनिवार्य है लेकिन क्या कभी आपने ऐसा कुछ दिखाया जिससे इस बात की पुष्टि की जा सके? उदाहरण के तौर पर बिशन सिंह बेदी क्रिकेट खेलने के दौरान साधारण रूप से सर ढंका करते थे, उन्होंने खेलने के दौरान कभी पगड़ी नहीं पहनी। और सिख सैनिक क्या करते हैं? वह भी हेलमेट नहीं पहनते? तो इन सब बातों से पहले यह स्पष्ट करना होगा कि पगड़ी क्या है”?
पूरी के वकील ने दलील देते हुए कहा कि सेन्ट्रल मोटर व्हीकल एक्ट सिखों को हेलमेट ना पहनने की छूट देता है और इतना ही नहीं इंग्लैण्ड और अमेरिका जैसे बड़े देशों ने सिखों को खेल के दौरान पगड़ी पहनने की छूट दे रखी है।
इस पर न्यायाधीश बोबडे का कहना था कि “हेलमेट पहनने में नुक्सान ही क्या है जबकि यह आपकी सुरक्षा से जुदा मामला है? आप इतना ख़तरा क्यों ले रहे हैं? साईकिल चलाने के दौरान अगर आप चोटिल होते हैं तो इसका सीधा कारण होगा कि आपने सुरक्षा सम्बंधी नियम नहीं माने”
बेंच ने देश के बड़े धावक मिल्खा सिंह का भी हवाला दिया कि उन्होंने भी दौड़ने के दौरान कभी पगड़ी नहीं पहनी। इस मामले पर आज न्यायालय का फैसला आ सकता है जिसमें यह देखने लायक होगा कि खेल कूद में पगड़ी को लेकर क्या नियम होंगे?
रिपोर्ट: विभव देव शुक्ला