'आर्टिकल 370' निरस्तीकरण पर सुर्प्रीम कोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला, जानें मामले से जुड़े ये 5 महत्वपूर्ण सवाल-जवाब

By रुस्तम राणा | Updated: December 10, 2023 18:32 IST2023-12-10T18:32:19+5:302023-12-10T18:32:19+5:30

शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11 दिसंबर (सोमवार) की सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी।

Supreme Court will give its verdict on 'Article 370' on Monday, these 5 important questions and answers related to the case | 'आर्टिकल 370' निरस्तीकरण पर सुर्प्रीम कोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला, जानें मामले से जुड़े ये 5 महत्वपूर्ण सवाल-जवाब

'आर्टिकल 370' निरस्तीकरण पर सुर्प्रीम कोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला, जानें मामले से जुड़े ये 5 महत्वपूर्ण सवाल-जवाब

Highlightsअनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को SC का फैसलाशीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी16 दिनों तक मामले की सुनवाई के बाद, अदालत ने 5 सितंबर में मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना निर्णय सुनाएगा। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11 दिसंबर (सोमवार) की सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी। पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत हैं। 

अनुच्छेद 370 का मक्या है?

5 अगस्त, 2019 को एक "अग्रणी निर्णय" में, सरकार ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत प्रावधानों को निरस्त करने का निर्णय लिया, जो जम्मू और कश्मीर राज्य को एक विशेष दर्जा प्रदान करता था। परिणामस्वरूप, भारत का संविधान जम्मू और कश्मीर पर "देश के अन्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के समान" लागू हो गया।

मामले में अब तक क्या हुआ?

सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 2 अगस्त, 2023 से जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। 16 दिनों तक मामले की सुनवाई के बाद, अदालत ने 5 सितंबर में मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या पूछा?

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने की सिफारिश कौन कर सकता है, जब वहां कोई संविधान सभा मौजूद नहीं है, जिसकी सहमति ऐसा कदम उठाने से पहले जरूरी होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा था कि एक प्रावधान (अनुच्छेद 370), जिसे विशेष रूप से संविधान में अस्थायी के रूप में उल्लेख किया गया था, 1957 में जम्मू और कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद स्थायी कैसे हो सकता है।

याचिकाकर्ताओं ने क्या कहा?

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध करने वाले कुछ याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि अनुच्छेद में प्रावधान को निरस्त नहीं किया जा सकता था क्योंकि जम्मू और कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल 1957 में तत्कालीन राज्य के संविधान का मसौदा तैयार करने के बाद समाप्त हो गया था।

सरकार ने क्या कहा?

केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधान को निरस्त करने में कोई "संवैधानिक धोखाधड़ी" नहीं हुई थी। केंद्र ने अपने हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद, तीन दशकों की उथल-पुथल के बाद वहां जीवन सामान्य हो गया है।

Web Title: Supreme Court will give its verdict on 'Article 370' on Monday, these 5 important questions and answers related to the case

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