फैसले लिखने में बिताई छुट्टियां, जजों को शनिवार और रविवार की भी छुट्टी नहीं मिलती, जस्टिस गवई ने कहा- जो लोग आलोचना करते हैं इसका एहसास नहीं...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 1, 2024 17:11 IST2024-05-01T17:10:16+5:302024-05-01T17:11:01+5:30

शीर्ष अदालत के ग्रीष्मकालीन अवकाश पर जाने से पहले दलीलें पूरी की जाएं, जो 20 मई से शुरू होगा।

Supreme Court Vacations Spent To Write Judgments, Judges Don't Get Weekend Holidays Too; People Who Criticise Don't Realise This Justice BR Gavai | फैसले लिखने में बिताई छुट्टियां, जजों को शनिवार और रविवार की भी छुट्टी नहीं मिलती, जस्टिस गवई ने कहा- जो लोग आलोचना करते हैं इसका एहसास नहीं...

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Highlightsपीठ पश्चिम बंगाल सरकार के एक वाद पर सुनवाई कर रही थी। पूर्व अनुमति लिए बिना जांच करते रहने का आरोप लगाया गया है।शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय लंबी छुट्टियां लेते हैं, उन्हें नहीं पता कि न्यायाधीश कैसे काम करते हैं।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि जो लोग उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय की लंबी छुट्टियां को लेकर उनकी आलोचना करते हैं, वे यह नहीं समझते कि न्यायाधीशों को तो शनिवार और रविवार की भी छुट्टी नहीं मिलती। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जो लोग यह आलोचना करते हैं कि शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय लंबी छुट्टियां लेते हैं, उन्हें नहीं पता कि न्यायाधीश कैसे काम करते हैं। छुट्टी का मुद्दा तब सामने आया जब शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल के एक मामले में दलीलों के लिए बृहस्पतिवार का दिन तय किया और दोनों पक्षों से कहा कि शीर्ष अदालत के ग्रीष्मकालीन अवकाश पर जाने से पहले दलीलें पूरी की जाएं, जो 20 मई से शुरू होगा।

पीठ पश्चिम बंगाल सरकार के एक वाद पर सुनवाई कर रही थी जिसमें सीबीआई पर राज्य से पूर्व अनुमति लिए बिना जांच करते रहने का आरोप लगाया गया है। इस दौरान मेहता ने पीठ से कहा, ‘‘जो लोग यह आलोचना करते हैं कि शीर्ष अदालत और उच्च न्यायालय लंबी छुट्टियां लेते हैं, उन्हें नहीं पता कि न्यायाधीश कैसे काम करते हैं।’’

इस पर न्यायमूर्ति गवई ने कहा, ‘‘जो लोग आलोचना करते हैं, वे यह नहीं जानते कि हमें शनिवार और रविवार की भी छुट्टी नहीं मिलती। अन्य कार्य, सम्मेलन आदि होते हैं।’’ पश्चिम बंगाल के मामले में केंद्र का पक्ष रख रहे मेहता ने पीठ से कहा कि शीर्ष अदालत के न्यायाधीश रोजाना 50 से 60 मामले देखते हैं और वे छुट्टियों के हकदार हैं।

मामले में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने भी कहा, ‘‘यह देश में सबसे कठिन काम है।’’ पीठ ने कहा कि छुट्टियों के दौरान न्यायाधीश उनके द्वारा सुने गऐ मामलों में फैसले लिखते हैं। पीठ ने कहा, ‘‘लंबे फैसले छुट्टियों में लिखने होते हैं।’’ मेहता ने कहा, ‘‘जिन लोगों को प्रणाली की जानकारी नहीं है, वे इसकी आलोचना करते हैं।’’

Web Title: Supreme Court Vacations Spent To Write Judgments, Judges Don't Get Weekend Holidays Too; People Who Criticise Don't Realise This Justice BR Gavai

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