गोवा में प्राइवेट फॉरेस्ट लैंड पर सुप्रीम कोर्ट रोक के बाद कांग्रेस ने सीएम सावंत को घेरा, जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: March 19, 2025 18:50 IST2025-03-19T18:49:58+5:302025-03-19T18:50:42+5:30
RC-II ने 271 सर्वे नंबरों को 'वन भूमि' की श्रेणी से हटाकर, 1.2 करोड़ वर्ग मीटर से अधिक भूमि को संभावित विकास के लिए खोल दिया।

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नई दिल्लीः गोवा में निजी वन भूमि के रूपांतरण पर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि उन्होंने रियल एस्टेट हितों को फायदा पहुंचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण के नियमों को दरकिनार किया। विवाद की जड़ में है वर्ष 2021 में राज्य सरकार द्वारा गठित की गई ‘रिव्यू कमेटी (RC-II)’, जिसे पहले की थॉमस एंड अराउजो कमेटी द्वारा चिह्नित की गई प्राइवेट फॉरेस्ट भूमि का पुनर्मूल्यांकन करने का काम सौंपा गया था। RC-II ने 271 सर्वे नंबरों को 'वन भूमि' की श्रेणी से हटाकर, 1.2 करोड़ वर्ग मीटर से अधिक भूमि को संभावित विकास के लिए खोल दिया।
The Supreme Court has very recently halted the conversion of Goa’s private forest land at least for the time being. Much earlier, the National Green Tribunal too had
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 19, 2025
prohibited development of denotified forest land until physical verification of all plots was completed. This was…
इस फैसले की तीखी आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
"सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गोवा की प्राइवेट फॉरेस्ट भूमि के रूपांतरण पर कम से कम अस्थायी तौर पर रोक लगाई है। इससे पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने भी स्पष्ट निर्देश दिए थे कि डिनोटिफाइड फॉरेस्ट भूमि पर विकास तब तक न हो जब तक भौतिक सत्यापन पूरा न हो जाए। लेकिन यह प्रक्रिया कभी पूरी नहीं की गई।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश सिर्फ एक अस्थायी राहत है। असली लड़ाइयाँ अभी बाकी हैं, क्योंकि गोवा के मुख्यमंत्री का पूरा ध्यान इन वनों को रियल एस्टेट विकास के लिए खोलने पर है।" इससे पहले सितंबर 2023 में NGT ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह RC-II द्वारा डिनोटिफाई की गई भूमि का भौतिक सत्यापन करे और जब तक यह प्रक्रिया पूरी न हो, किसी भी प्रकार की विकास अनुमति न दी जाए।
इस मामले में सांकोले के सर्वे नंबर 257/1 को लेकर सबसे अधिक सवाल उठ रहे हैं, जहां अब एक बड़ा कमर्शियल प्रोजेक्ट प्रस्तावित है। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद कांग्रेस ने मांग की है कि RC-II की संपूर्ण प्रक्रिया का ऑडिट कराया जाए, डिस्प्यूटेड प्लॉट्स पर सभी विकास कार्यों पर रोक लगे, और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत—जो उस समय वन विभाग भी संभाल रहे थे—से जवाबदेही तय की जाए।