मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट, सॉलिसिटर जनरल बोले- 'स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही'
By अंजली चौहान | Published: July 3, 2023 01:33 PM2023-07-03T13:33:34+5:302023-07-03T13:35:17+5:30
मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से राज्य में जातीय हिंसा को रोकने के लिए किए गए उपायों पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगी।
नई दिल्ली:मणिपुर में महीनों से हो रही हिंसा से प्रभावित लोगों का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार ने एख विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा जतीय हिंसा को रोकने के लिए किए गए कामों पर रिपोर्ट जल्द पेश करने का आदेश दिया है।
केंद्र और मणिपुर सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि राज्य में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि रहा है। उन्होंने कहा कि सिविल पुलिस के अलावा मणिपुर राइफल्स, सीएपीएफ की कंपनियां, सेना की 114 टुकड़ियां और मणिपुर कमांडो मौजूद हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट मणिपुर हिंसा के बारे में उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है जिसे एक गैर सरकारी संगठन द्वारा दायर याचिका भी शामिल थी, जिसमें अल्पसंख्यक कुकी आदिवासियों के लिए सेना सुरक्षा और उन पर कथित रूप से हमला करने वाले समूहों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
इस दिन होगी मामले की अगली सुनवाई
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मणिपुर सरकार को 10 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने को कहा, जब मामले की अगली सुनवाई होगी।
बता दें कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच 3 मई से शुरू हुई जतीय हिंसा में कई लोग बेघर हो गए हैं। इस जतीय हिंसा में लगभग 120 लोग मारे गए हैं और 3,000 से अधिक घायल हुए हैं।
मैतेई लोग मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी - नागा और कुकी - आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।