कोरोना संकट के बीच बनाए गए पीएम केयर्स फंड पर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पीएम केयर्स फंड के पैसे को NDRF में ट्रांसफर करने के निर्देश नहीं दिए जा सकते हैं।
जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की तीन जजों की पीठ ने वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि नवंबर 2019 में बनाई गई एनडीआरएफ कोरोना संकट से निपटने के लिए पर्याप्त है। इसलिए किसी नए एक्शन प्लान की जरूरत नहीं है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 28 मार्च को प्रधानमंत्री केयर्स कोष का गठन किया था। इसका मुख्य उद्देश्य कोविड-19 जैसी महामारी जैसी किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिये धन एकत्र करना और प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना था। हालांकि, इसकी राशि की जांच को लेकर विवाद होता रहा है।
गैर सरकारी संगठन ‘सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस’ ने याचिका दायर कर इसमें जमा हुए पैसों को एनडीआरएफ में हस्तांतरित करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई 27 जुलाई को पूरी की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पीएम केयर्स फंड की ओर से जमा किए गए पैसे बिल्कुल अलग हैं और ये चैरिटेबल ट्रस्ट के फंड हैं लिहाजा रकम ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था NDRF में पैसे रकम दान कर सकता है।
इससे पहले सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड का बचाव करते हुए कहा था कि कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिये यह ‘स्वैच्छिक योगदान’ का कोष है और राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष तथा राज्य आपदा मोचन कोष के लिये बजट में किये गये आबंटन को हाथ भी नहीं लगाया गया है।
केंद्र ने कहा था कि पीएम केयर्य फंड एक स्वैच्छिक कोष है जबकि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के लिये बजट के माध्यम से धन का आबंटन किया जाता है। वहीं, याचिका में ये आरोप लगाए गए थे कि पीएम केयर्स फण्ड का सृजन आपदा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के खिलाफ है।