सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आम्रपाली मामले में घर खरीदारों को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को कर्ज का पुनर्गठन करने और लोन की शेष राशि जल्द जारी करने के निर्देश दिए हैं। बैंकों को आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार ही ये राशि रिलीज करनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया वें बैंक और वित्तीय संस्थान जिन्होंने होम लोन को NPA के रूप में घोषित किया है, वे स्वीकृत लोन की बकाया राशि जारी करें। कोर्ट ने साथ कहा कि राशि का उपयोग निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाए।
कोर्ट ने अपने फैसले में एफएआर यानी फ्लोए एरिया रेशियो को लेकर भी निर्देश जारी किए। कोर्ट ने कहा कि अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ एफएआर 2.75 पर होगा। कोर्ट के अनुसार यदि एफएआर में कोई वृद्धि होती है, तो यह नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों द्वारा तय किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि घर खरीदारों की स्थिति में बदलाव नहीं है क्योंकि प्रोजेक्ट के अधूरे पड़े काम में कोई प्रगति नहीं हुई है। कोर्ट ने कहा कि कई प्रोजेक्ट अधूरे हैं।
कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आधे-अधूरे प्रोजेक्ट पर भी बड़ी राहत दी। कोर्ट ने कहा कि नोएडा अथॉरिटी पेमेंट में देरी के लिए एक हद से ज्यादा बिल्डरों से ब्याज दर नहीं ले सकती है। कोर्ट ने कहा कि ब्याज दर 8 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकते।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'रियल एस्टेट के मौजूदा हालात को देखें तो सभी प्रोजेक्ट रूके हुए हैं। प्रोजेक्ट अधूरे हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी को एक शेड्यूल बनाना होगा कि वे इसे एक बार में कहां तक आगे बढा सकते हैं।'