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सांप्रदायिक दंगों की जांच की मांग वाली याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ऐसी राहत मत मांगिए जो कोर्ट नहीं दे सकती

By विशाल कुमार | Updated: April 26, 2022 12:05 IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप चाहते हैं कि पूर्व सीजेआई (भारत के मुख्य न्यायाधीश) की अध्यक्षता में एक जांच हो? क्या कोई आजाद है? पता करो, यह कैसी राहत है. ऐसी राहत की मांग मत करो जो यह अदालत नहीं दे सकती। खारिज।

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ठळक मुद्देदिल्ली और सात अन्य राज्यों में रामनवमी के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच की मांग की गई थी।'बुलडोजर जस्टिस' की मनमानी कार्रवाई की जांच के लिए एक समान समिति गठित करने के निर्देश देने की भी मांग की गई थी।याचिका में कहा गया कि इस तरह की कार्रवाइयां पूरी तरह से भेदभावपूर्ण हैं।

नई दिल्ली: दिल्ली के जहांगीरपुरी और सात अन्य राज्यों में रामनवमी के दौरान हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग के अनुरोध को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया। जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने अधिवक्ता विशाल तिवारी की याचिका खारिज कर दी।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप चाहते हैं कि पूर्व सीजेआई (भारत के मुख्य न्यायाधीश) की अध्यक्षता में एक जांच हो? क्या कोई आजाद है? पता करो, यह कैसी राहत है. ऐसी राहत की मांग मत करो जो यह अदालत नहीं दे सकती। खारिज।

तिवारी ने अपनी याचिका में रामनवमी के दौरान राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात में हुई झड़पों की जांच कराने का निर्देश देने की मांग की थी।

जनहित याचिका में मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में 'बुलडोजर जस्टिस' की मनमानी कार्रवाई की जांच के लिए एक समान समिति गठित करने के निर्देश देने की भी मांग की गई थी।

याचिका में कहा गया कि इस तरह की कार्रवाइयां पूरी तरह से भेदभावपूर्ण हैं और लोकतंत्र और कानून के शासन की धारणा में फिट नहीं होती हैं।

इस महीने की शुरुआत में, उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक हनुमान जयंती जुलूस के दौरान दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए थे। हिंसा में आठ पुलिसकर्मी और एक नागरिक घायल हो गए। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया है।

झड़पों के बाद भाजपा शासित नागरिक निकाय द्वारा अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत बुलडोजर ने पिछले हफ्ते इलाके में एक मस्जिद के पास कई कंक्रीट और अस्थायी संरचनाओं को तोड़ दिया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्काल रोक लगा दी गई।

इससे पहले, पांच राज्यों - गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में रामनवमी के उत्सव के दौरान सांप्रदायिक झड़पें हुईं थीं।

टॅग्स :सांप्रदायिक तनावराम नवमीसुप्रीम कोर्ट
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