देश में #MeToo मूवमेंट का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। #MeToo के तहत यौन शोषण को लेकर वकील मनोहर लाल शर्मा ने याचिका दायर कर ट्रायल के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मांग की थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया है।
सीजीआई रंजन गोगोई ने कहा कि जब मामला लिस्ट होगा तो आपको बता दिया जाएगा कि इस मामले पर सुनवाई होगी या नहीं। फिलहाल इस मामले पर सुनवाई नहीं की जाएगी।
वकील मनोहर लाल शर्मा ने जो याचिका दाखिल की थी, उसमें मांग किया गया था कि जितने भी #MeToo के तहत मामले सामने आए हैं, उनमें सीआरपीसी (CRPC)की धारा 154 के तहत संज्ञान लेकर एफआईआर दर्ज किया जाए। मामले की जांच कर दोषी को सजा दी जाए।
मनोहर लाल शर्मा ने याचिका में यह भी कहा कि मी टू मामले में रेप या छेडछाड़ जैसी धाराएं लगाई जाएं। इसके साथ ही केंद्र सरकार को निर्देश दिया जाए कि यौन उत्पीड़न के मामलों के ट्रायल के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं।
राष्ट्रीय महिला अधिकार आयोग के लिए याचिका में मनोहर लाल शर्मा ने लिखा कि मी टू में शोषण का शिकार हुई ऐसी पीड़िताओं को वित्तीय, कानूनी सहायता और सुरक्षा के साथ-साथ उनकी पहचान को छिपाने के लिए भी कदम उठाए जाए।
भारत में #MeToo मूवमेंट
सितंबर 2018 में भारतीय एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता ने अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन शोषण का आरोप लगाया। दत्ता के आरोपों से नाना पाटेकर ने इनकार किया लेकिन इसी के साथ भारत में फिल्म, मीडिया और अन्य क्षेत्रों के कई पुरुषों पर यौन शोषण के आरोप लगे। नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री एमजे अकबर पर भी कई महिला पत्रकारों ने दशकों पहले यौन शोषण किए जाने के गंभीर आरोप लगाये हैं।
निर्भया रेप केस पर वकील मनोहर लाल शर्मा विवादित बयान देकर आए थे चर्चा में
निर्भया रेप केस पर बनी डॉक्यूमेंट्री 'इंडियाज़ डॉटर डॉक्यूमेंट्री' को लेकर वकील मनोहर लाल शर्मा ने विवादित बयान दिया था। मनोहर लाल ने कहा था- अगर आप मिठाई को सड़क पर रखेंगे तो कुत्ते उसे खाने के लिए आएंगे ही। मेरी बेटी ने ऐसा किया होता तो जान से मार देता।
मनोहर लाल ने यह भी कहा था- निर्भया के माता-पिता ने उसे इतनी देर रात क्यों भेजा था? यह उनके माता-पिता की जिम्मेदारी थी कि वह पता करें कि उनकी बेटी कहां और किसके साथ जा रही है। मनोहर लाल बचाव पक्ष के वकील के थे। इस बयान के लिए वकील मनोहर लाल को अधिवक्ता अधिनियम के प्रावधान के तहत नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद उन्होंने माफीनाम दाखिल किया था।