नई दिल्ली, 13 फरवरी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदने के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार को बड़ी राहत दी है। सूबे की सरकार द्वारा 2007-8 में की गई अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद में कथित अनियमितताओं की जांच संबंधी स्वराज अभियान की जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस मामले की स्वराज अभियान लंबे समय से जांच कर रहा था।
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने खरीद में कथित अनियमितताओं और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे से जुड़े खातों की जांच की मांग पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार से एक हफ्ते में मूल दस्तावेज की फाइल कोर्ट में देने के निर्देश दिए थे।
वहीं, याचिककर्ता की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ सरकार ने इतालवी कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड से तय कीमत से ज्यादा पैसे देकर हेलीकॉप्टर खरीदा और इसके लिए कागज इस तरह से तैयार किए गए थे कि अगस्ता-वेस्टलैंड के अलावा कोई दूसरी कंपनी इस प्रक्रिया में शामिल ही नहीं हो पाए।
आपको बता दें कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की 3600 करोड़ रुपये की खरीद में इटली की अदालत ने माना था कि इस सौदे में रिश्वत दी गई थी और यूपीए सरकार के कुछ नेताओं के नाम भी लिए गए थे, जिससे इस विवाद के बात देश की राजनीति में भूचाल मच गया था। यह मामला 2013-14 में सामने आया था। इसमें कई भारतीय राजनेताओं एवं सैन्य अधिकारियों पर आगस्ता वेस्टलैण्ड के लिए घूस लेने का आरोप लगा था।
यूपीए सरकार के समय अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी के लिए 12 हेलिकॉप्टरों की खरीदी का सौदा हुआ था। यह सौदा 3,600 करोड़ रुपए की हुआ था और इस सौदे में रिश्वतखोरी की बात सामने आई थी, जिसके बाद यूपीए सरकार ने सौदा रद्द कर दिया था। इसमें पूर्व आईएएफ चीफ एस पी त्यागी सहित 13 लोगों का नाम सामने आया था। आरोप लगने के बाद 2014 में यूपीए सरकार ने यह करार निरस्त कर दिया था।
उसी दौरान छत्तीसगढ़ राज्य के नागरिक विमानन विभाग ने 2006 में वीवीआईपी मूवमेंट के लिए एक हेलीकॉप्टर खरीदने का फैसला किया था, जिस कारण छत्तीसगढ़ सरकार का भी इस विवाद में नाम आ गया था।