उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली के निदेशकों और ऑडिटरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रवर्तन निदेशालय, पुलिस, आईसीएआई को फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट देने का आदेश दिया।
शीर्ष न्यायालय ने आम्रपाली की फंसी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एनबीसीसी को 7.16 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया।
उच्चतम न्यायालय ने आदेश में कहा कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण घर खरीदारों को निर्माण कार्य पूरा होने का प्रमाण पत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) देने के लिए नोडल सेल बनाएं।
एनबीसीसी के कार्यकारी निदेशक (वित्त) योगेश शर्मा ने अटकी परियोजनाओं की शेष निर्माण लागत और वित्तपोषण से जुड़े निवेशक के एक सवाल के जवाब में कहा कि इसके लिए करीब 8,500 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश की जरुरत है। इसमें एनबीसीसी के लिए आठ प्रतिशत पीएमसी (परियोजना प्रबंधन परामर्श) मार्जिन भी शामिल है। इसके लिये उच्चतम न्यायालय ने सहमति जताते हुये आदेश दिया है।
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों से कहा कि उसके फैसले के अनुपालन में विभिन्न आम्रपाली परियोजनाओं में रह रहे हजारों घर खरीदारों को कार्य समापन प्रमाण पत्र सौंपे जाएं। उसने चेतावनी दी कि ऐसा नहीं करने पर संबंधित अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा।