सुप्रीम कोर्ट जल्द शुरू कर सकता है पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 16, 2022 02:44 PM2022-08-16T14:44:14+5:302022-08-16T14:47:48+5:30

सुप्रीम कोर्ट पेगासस जासूसी मामले में दायर याचिका पर जल्द ही सुनवाई शुरू कर सकता है। देश की सर्वोच्च अदालत में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि इजरायल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिये भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री सहित देश में कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों के फोन की जासूसी की गई है।

Supreme Court may start Pegasus espionage case soon | सुप्रीम कोर्ट जल्द शुरू कर सकता है पेगासस जासूसी मामले की सुनवाई

फाइल फोटो

Highlightsसुप्रीम कोर्ट पेगासस स्पाइवेयर जासूसी मामले में सुनवाई को जल्द ही शुरू कर सकता हैपेगासस के जरिये देश के कई नेताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी का आरोप हैसुप्रीम कोर्ट ने मामले में रिटायर जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट मोबाइल में पेगासस स्पाइवेयर के जरिये हुई कथित जासूसी के मामले में एक साल से लंबित बहुप्रतिक्षित सुनवाई को जल्द ही शुरू कर सकता है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दायर की गई है, उसमें आरोप लगाया गया है कि इजरायल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिये देश में कई प्रमुख राजनेताओं, वरिष्ठ पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं सहित तमाम अन्य लोगों की मोबाइल पर हो रही बातचीत को सुनने का प्रयास किया गया था।

समाचार बेवसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट इस मामले में गठित की गई विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तुत की गई उस रिपोर्ट पर सुनवाई करेगा। जिसे रिटायर जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई में बनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण सहित तीन जजों की बेंच ने कोर्ट के समक्ष यह मामला सामने आने के बाद 27 अक्टूबर 2021 को इस समिति का गठन किया था।

मालूम हो कि पिछले साल जुलाई में भारत की न्यूज बेवसाइट 'द वायर' सहित कई अन्य वैश्विक न्यूज संस्थाओं ने एक ग्लोबल मीडिया कंसोर्टियम के जरिये इस बात को दुनिया के सामने रखा था कि पेगासस के जरिये भारत सहित विश्व के अन्य देशों के लगभग हजारों लोगों की इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप के स्वामित्व वाले पेगासस द्वारा जासूसी की जा रही थी।

मामले ने जब तूल पकड़ा तो पेगासस बनाने वाली इजरायल की कंपनी एनएसओ ने अपनी ओर से सफाई पेश करते हुए कहा कि वो इस सॉफ्टवेयर को केवल सार्वभौमिक देशों की सरकारी खुफिया एजेंसियों या सुरक्षा एजेंसियों को बेचते हैं।

जहां तक पेगासस के भारतीय लिंक का मामला है, तो उसमें आरोप है कि पेगासस की जद में खुद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव भी थे। अगर वैष्णव के अलावा भारतीय नेताओं की बात करें तो पेगासस का हमला कांग्रेस नेता राहुल गांधी और उनके कई कांग्रेस सहयोगियों के मोबाइल पर भी हुआ था। कांग्रेस के अलावा तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी पेगासस हमले के शिकार बताये गये थे।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति ने जो रिपोर्ट देश की सर्वोच्च अदालत को सौंपी है, उसे अभी तक पब्लिक नहीं किया गया है। लेकिन मीडिया हलकों में इस तरह की खबर चल रही है कि विशेषज्ञ समिति को इस तरह का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि इजरायल के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल भारत में किसी की जासूसी के लिए किया गया था।

जानकारी के अनुसार विशेषज्ञ समिति अप्रैल 2022 में सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशकर को पत्र लिखकर उनसे यह पूछा था कि क्या उन्होंने इजरायल की कंपनी एनएसओ से स्पाइवेयर पेगासस खरीदा है।

पेगासस के शिकार रहे पत्रकार जे गोपीकृष्णन ने इस मामले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई समिति को भले ही पेगासस के जरिये मोबाइल में जासूसी के कोई प्रमाण नहीं मिले हों लेकिन इस विवाद में केंद्र सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए क्या उन्होंने इजरायली स्पाइवेयर पेगासस खरीदा है या नहीं।

Web Title: Supreme Court may start Pegasus espionage case soon

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