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सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस इन्क्वारी कमेटी को रिपोर्ट जमा करने के लिए दिया समय कहा, "चार हफ्तों में जांच से संबंधित सारी प्रक्रियाओं को पूरा करें"

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 20, 2022 22:14 IST

सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को पेगासस मामले में सुनवाई करते हुए स्वयं द्वारा नियुक्त तकनीकी एवं पर्यवेक्षी समिति के अनुरोध पर रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है।

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ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले की जांच कर रही कमेटी की समय सीमा का विस्तार किया कोर्ट ने कहा कि कमेटी चार हफ्तों में जांच से संबंधित सारी प्रक्रियाओं को पूरा करेपेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में जांच के आदेश दिए थे

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले की जांच कर रही सुपरवाइजिंग जज टेक्निकल कमेटी को अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए समय देते हुए कहा कि कमेटी चार हफ्तों में जांच से संबंधित सारी प्रक्रियाओं को पूरा करे।

सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए स्वयं द्वारा नियुक्त तकनीकी एवं पर्यवेक्षी समिति के अनुरोध पर रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा को बढ़ाने का फैसला किया है।

मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि कमेटी इजराइली स्पाईवेयर के द्वारा प्रभावित 29 मोबाइल फोन की जांच की प्रक्रिया चार हफ्ते में पूरी करी करके रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करे।

चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच ने कहा कि टेक्निकल कमेटी स्पाइवेयर के लिए प्रभावित मोबाइल फोन की जांच कर रही है और उसने इस मामले में पीड़ित पत्रकारों समेत कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किए हैं।

इसके साथ ही बेंच ने यह भी कहा कि पेगासस से प्रभावित मोबाइलों की जांच प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया किया जाए ताकि टेक्निकल कमेटी मई के अंत तक इसकी रिपोर्ट को पूरा कर सके। जिसके बाद ऑब्जर्वर बेंच के सामने रिपोर्ट पेश कर सकें।

चीफ जस्टिस रमना ने कहा कि टेक्निकल कमेटी जांच प्रक्रिया को चार हफ्ते में पूरी करके ऑब्जर्वर जज को इसकी सूचना दे। इसके बाद ऑब्जर्वर जज कोर्ट के सामने अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे। इस रिपोर्ट को जुलाई में कोर्ट के सामने सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।

पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2021 में जांच के आदेश दिए थे। पेगासस जासूसी मामले में एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संघ ने दावा किया था कि पेगासस स्पाइवेयर के जरिये कथित तौर पर 300 से अधिक भारतीय मोबाइल फोन नंबरों की जासूसी की गई थी। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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