कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के बीच कई राज्यों में शराब की बिक्री शुरू हो गई है। कई जगहों पर शराब की दुकानों के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया जा रहा है। इसको लेकर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शराब की बिक्री पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि दुकानों के बाहर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं और इस वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में इन दुकानों को बंद किया जाना चाहिए।
याचिका पर सुनवाई करते सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि हम इसको लेकर कोई आदेश पारित नहीं करेंगे। यह राज्य सरकारों का नीतिगत मसला है, लेकिन राज्यों को सोशल डिस्टेंसिंग के मानदंड और मानकों को बनाए रखने के लिए शराब की होम डिलेवरी या अप्रत्यक्ष बिक्री पर विचार करना चाहिए।
कई राज्य कर रहे हैं ऑनलाइन बिक्री से लेकर ई-टोकन की व्यवस्था
लॉकडाउन के बीच राज्यों ने शराब के ठेके खोल दिए हैं, लेकिन दुकानों के बाहर जमा रही भीड़ को लेकर राज्य सरकारें भी चिंतित हैं। इससे निपटने और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए कई राज्यों ने उपाए निकाल लिए हैं, ताकि राजस्व भी बढ़े और लोगों को समस्या कम हो। इसके लिए कुछ राज्यों ने होम डिलिवरी की व्यवस्था की है तो कुछ राज्य कोरोना चार्ज और ई-टोकन जैसे उपाय कर रहे हैं।
56 हजार से ज्यादा लोग हो चुके हैं कोरोना वायरस से संक्रमित
देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और अब तक भारत में 56342 लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से 1886 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि 16539 लोग ठीक भी हुए हैं, जबकि एक व्यक्ति देश से बाहर चला गया है और अभी भी देशभर में 37916 कोरोना के एक्टिव केस मौजूद हैं।