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यूपीएससी उम्मीदवारों को सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त मौका देने से किया इनकार, जानिए क्या है पूरा मामला

By विनीत कुमार | Updated: February 24, 2021 12:31 IST

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के आखिरी प्रयास में शामिल नहीं हो पाने वाले छात्रों की उन्हें एक और मौका दिए जाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी है।

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ठळक मुद्देआयु सीमा पार कर चुके सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के प्रत्याशियों को नहीं मिलेगा अतिरिक्त मौकासुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, कोविड के कारण पिछले साल परीक्षा नहीं दे पाए प्रत्याशी मांग रहे थे राहतजस्टिस एम खानविलकर, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी की तीन जजों की बेंच ने याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में अतिरिक्त मौका देने संबंधित एक याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने 2021 की प्रारंभिक परीक्षा में उन प्रत्याशियों को अतिरिक्त मौका देने से इनकार कर दिया जिनकी पिछले साल आयु सीमा खत्म हो चुकी है। 

जस्टिस एम खानविलकर, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस अजय रस्तोगी की तीन जजों की बेंच ने ये अहम फैसला सुनाया। इससे पहले पीठ ने 9 फरवरी को मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मौजूदा केस में याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के पास ये मांग लेकर पहुंचे थे कि वे यूपीएससी सीएसई प्रीलिम्स 2020 की परीक्षा में कोरोना महामारी के कारण हिस्सा नहीं ले सके थे। इसलिए इन्हें 2021 की परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका मिले।

यूपीएससी सिविल परीक्षा पर सरकार का मत

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि ऐसे उम्मीदवार जो सिविल सेवा परीक्षा 2020 में बतौर आखिरी प्रयास शामिल हुए थे, उन्हें एक और मौका दिया जाएगा। ये केवल 2021 की परीक्षा के लिए मान्य होगा। हालांकि, ये जरूरी होगा कि वे आयु सीमा के भीतर हों।

हालांकि याचिकाकर्ता चाहते थे कि आयु सीमा को भी इस बार के लिए हटा दिया जाए। सुनवाई के दौरान केंद्र ने देश में सिविल सेवा परीक्षा शुरू होने के बाद से यूपीएससी द्वारा दी गई छूट के संबंध में विस्तृत जानकारी कोर्ट को दी और बताया कि वर्ष 1979, 1992 और 2015 में परीक्षा पैटर्न में बदलाव के कारण अभ्यर्थियों को छूट दी गई थी। 

यूपीएससी सिविल परीक्षा को लेकर क्या हैं मौजूदा नियम

वैसे, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 30 सितंबर को, देश के कई इलाकों में बाढ़ और कोविड-19 महामारी की वजह से यूपीएससी सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा टालने के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। 

मौजूदा नियमों के अनुसार यूपीएससी ने उम्मीदवारों के लिए प्रयासों की संख्या तय कर रखी है। इसके अनुसार जनरल कैटेगरी के उम्मीदवार छह बार प्रयास कर सकते हैं। उनकी अधिकतम आयु सीमा 32 साल तय की गई है।

वहीं, ओबीसी उम्मीदवार 9 बार प्रयास कर सकते हैं जबकि आयु सीमा 35 साल तय है। एससी/एसटी उम्मीदवार अधिकतम 37 साल की उम्र तक यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा दे सकते हैं।

टॅग्स :संघ लोक सेवा आयोगसुप्रीम कोर्ट
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