नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य बोर्डों, सीबीएसई, आईसीएसई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) द्वारा आयोजित की जाने वाली दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि इस तरह की याचिकाएं भ्रामक हैं और छात्रों को झूठी उम्मीद देती हैं।
इस मामले को लेकर जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच कहा, "ये याचिका प्री मेच्योर है। पहले से ही तारीखों और अन्य व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने पर अधिकारी काम कर रहे हैं। अगर उन्हें अंतिम रूप देने के बाद कोई समस्या है तो पीड़ित पक्ष अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।" कोर्ट ने आगे कहा "आपको जो कहना है ऑथोरिटी को जाकर बताएं। ये गैरजिम्मेदाराना ढंग से जनहित याचिका का दुरुपयोग है। लोग भी कैसी कैसी याचिका दाखिल कर देते हैं।"