लाइव न्यूज़ :

ताजमहल से जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, कहा- हम यहां इतिहास खंगालने के लिए नहीं हैं, जानें पूरा मामला

By भाषा | Updated: December 5, 2022 15:17 IST

ताजमहल के निर्माण और उसके बारे में कथित तौर पर इतिहास में गलत तथ्य दिए जाने का दावा करते हुए सुरजीत सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समक्ष ऐसे मामला उठाने को कहा।

Open in App
ठळक मुद्देयाचिका में ताजमहल के निर्माण से संबंधित कथित गलत ऐतिहासिक तथ्यों को हटाने की थी मांग।ताजमहल कितना पुराना है, याचिका में इसका भी पता लगाने की मांग रखी गई थी।याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि जहां ताजमहल है, वहां पहले से ही एक शानदार हवेली मौजूद थी।

नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने इतिहास की किताबों से ताजमहल के निर्माण से संबंधित कथित गलत ऐतिहासिक तथ्यों को हटाने और स्मारक कितने साल पुराना है यह पता लगाने संबंधी याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की एक पीठ ने याचिकाकर्ता से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समक्ष यह मामला उठाने को कहा।

पीठ ने कहा, ‘‘ याचिका का मतलब लंबित जांच-पड़ताल पूरी करना नहीं है। हम यहां इतिहास खंगालने के लिए नहीं हैं। इतिहास को कायम रहने दें। रिट याचिका वापस ले ली गई है इसलिए उसे खारिज किया जाता है। याचिकाकर्ता चाहे तो एएसआई के समक्ष मामला उठा सकता है। हमने इसके गुण-दोष को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है।’’

ताजमहल से जुड़ा क्या था पूरा मामला?

शीर्ष अदालत सुरजीत सिंह यादव द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र को ताजमहल के निर्माण से संबंधित कथित गलत ऐतिहासिक तथ्यों को इतिहास की किताबों व पाठ्यपुस्तकों से हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में एएसआई को ताजमहल कितने साल पुराना है यह पता लगाने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि उनके शोध से पता चलता है कि उस जगह पर पहले से ही एक शानदार हवेली मौजूद थी जहां मुगल बादशाह शाहजहां की पत्नी मुमताज महल के शव को दफनाया गया।

याचिका में कहा गया "यह बेहद अजीब है कि शाहजहाँ के सभी दरबारी इतिहासकारों ने इस शानदार मकबरे के वास्तुकार के नाम का उल्लेख क्यों नहीं किया । यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि राजा मान सिंह की हवेली को ध्वस्त नहीं किया गया था, बल्कि ताजमहल के वर्तमान स्वरूप को बनाने के लिए हवेली को केवल संशोधित और पुनर्निर्मित किया गया था। । यही कारण है कि शाहजहाँ के दरबारी इतिहासकारों के खातों में किसी भी वास्तुकार का उल्लेख नहीं है।’’ ताज महल 17वीं शताब्दी का स्मारक है, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है। 

टॅग्स :ताज महलसुप्रीम कोर्ट
Open in App

संबंधित खबरें

भारतSupreme Court: बांग्लादेश से गर्भवती महिला और उसके बच्चे को भारत आने की अनुमति, कोर्ट ने मानवीय आधार पर लिया फैसला

भारतआपको बता दूं, मैं यहां सबसे छोटे... सबसे गरीब पक्षकार के लिए हूं, जरूरत पड़ी तो मध्य रात्रि तक यहां बैठूंगा, प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

भारतसुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन समय रैना को सफलता की कहानियों वाले दिव्यांग लोगों को शो में बुलाने और इलाज के लिए पैसे जुटाने का दिया निर्देश

भारत"कोर्ट के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है...", दिल्ली में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई