झुग्गी बस्ती के बच्चों को शिक्षा के जरिए सशक्त कर रही हैं ‘सुपर टीचर’

By भाषा | Updated: June 17, 2021 21:12 IST2021-06-17T21:12:18+5:302021-06-17T21:12:18+5:30

'Super Teacher' is empowering slum children through education | झुग्गी बस्ती के बच्चों को शिक्षा के जरिए सशक्त कर रही हैं ‘सुपर टीचर’

झुग्गी बस्ती के बच्चों को शिक्षा के जरिए सशक्त कर रही हैं ‘सुपर टीचर’

जम्मू, 17 जून सरकारी स्कूल से सेवानिवृत्त शिक्षिका कंचन शर्मा कभी-कभी यहां मराठा बस्ती में झुग्गी निवासियों के बच्चों को दो घंटे पढ़ाने जाती हैं। उनका मकसद शिक्षा के जरिए वंचित बच्चों को सशक्त करने का है।

61 वर्षीय शर्मा 2009 से समुदाय के साथ काम रही हैं जो मूलत: महाराष्ट्र के नागपुर के पिपरी गांव से तालुक रखते हैं। उन्होंने इस बस्ती में रहने वाले बच्चों के अभिभावकों को उनका दाखिला अस्थायी प्राथमिक स्कूल ‘संगर विद्या केंद्र' में कराने के लिए प्रेरित किया था।

‘सुपर टीचर’ के नाम से जाने जानी वाली शर्मा ने पीटीआई-भाषा से कहा, “मैंने पिछले महीने देखा कि कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के बीच कुछ बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं में नहीं आ रहे हैं और वे शहर के एक चौराहे पर भीख मांग रहे हैं। मुझे लगा कि मेरी कोशिशें नाकाम हो रही हैं।”

झुग्गी बस्ती में एक खुले स्थान पर करीब तीन दर्जन बच्चे साफ-सुथरे कपड़े पहन कर उनकी ऑफलाइन कक्षा में भाग ले रहे हैं । इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया गया। जम्मू क्षेत्र में स्कूल गर्मियों की छुट्टियों के कारण बंद हैं।

शर्मा 39 साल तक सेवा देने के बाद पिछले वर्ष मार्च में स्कूल शिक्षा विभाग से लेक्चरर के पद से सेवानिवृत हुई हैं। शर्मा विभाग से इजाजत लेकर अपने संसाधनों से झुग्गी बस्ती में स्कूल चला रही हैं।

उन्होंने कहा, “यह सब 2004 में गांधी नगर के सरकारी बालिका उच्च विद्यालय में एक शिक्षक के रूप में मेरी तैनाती के दौरान शुरू हुआ। बसती की तीन छात्राएं दाखिला लेने आई और मैंने उनसे पूछा कि क्या कोई अन्य विद्यार्थी हैं जो स्कूल में प्रवेश लेना चाहती है और उनका जवाब सकारात्मक था जिसने मुझे उनसे मिलने के लिए प्रेरित किया।”

शिक्षिका ने कहा कि वह नाबालिग बच्चों को समूहों में बेकार बैठे, ताश खेलते और यहां तक कि तंबाकू चबाते हुए देखकर हैरान रह गई। उन्होंने कहा, “मैंने खुद से कहा कि मुझे उनके साथ काम करने की जरूरत है ताकि बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाया जा सके। इस प्रयास की वजह से 40 बच्चियों ने गांधी नगर उच्च माध्यमिक स्कूल में प्रवेश लिया।”

उन्होंने कहा, “इसके बाद, मुझे विभाग से एक निजी स्कूल खोलने की अनुमति मिली, जो स्लम में मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगा।” उन्होंने कहा कि इस बस्ती में उनके छात्र तेज और बुद्धिमान है।

शर्मा ने कहा, “अप्रैल में कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद स्कूल को बंद करना पड़ा। इसके बाद, मैं बस्ती में गई और स्कूल के करीब 120 छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कुछ स्मार्टफोन की व्यवस्था की। उनके माता-पिता गरीब हैं और शायद ही बच्चों को स्मार्टफोन देना वहन कर सकते हैं।

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Web Title: 'Super Teacher' is empowering slum children through education

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