Sugarcane FRP hike: नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को गन्ने पर उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) बढ़ाने का फैसला किया। केंद्र ने अक्टूबर, 2021 से शुरू होने वाले अगले विपणन सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी (एफआरपी) मूल्य पांच रुपये बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस कदम से लगभग 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों को लाभ होने की संभावना है। गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी के फैसले को उत्तर प्रदेश और पंजाब में किसानों को लुभाने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को हुई बैठक में 2021-22 के विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाने का फैसला किया गया। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। चालू विपणन वर्ष 2020-21 के लिए उचित और लाभकारी मूल्य 285 रुपये प्रति क्विंटल है।
हर साल गन्ना पेराई सत्र शुरू होने से पहले केंद्र सरकार एफआरपी की घोषणा करती है। मिलों को यह न्यूनतम मूल्य गन्ना उत्पादकों को देना होता है। हालांकि, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु जैसे कई राज्य अपनी गन्ना दरों (राज्य परामर्श मूल्य या एसएपी) की घोषणा करते हैं। यह एफआरपी के ऊपर होता है।
चालू चीनी मौसम 2020-21 में चीनी मिलों द्वारा 91,000 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 2,976 लाख टन गन्ना खरीदा गया, जो अब तक के उच्च स्तर पर है और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की फसल की खरीद के बाद दूसरे स्थान पर है। आगामी चीनी मौसम 2021-22 में गन्ने के उत्पादन में अपेक्षित वृद्धि को ध्यान में रखते हुए चीनी मिलों द्वारा लगभग 3,088 लाख टन गन्ना खरीदे जाने की संभावना है।
गन्ना किसानों को कुल प्रेषण लगभग 1,00,000 करोड़ रुपये होगा। एक बयान में कहा गया है कि सरकार अपने किसान हितैषी उपायों के जरिए यह सुनिश्चित करेगी कि गन्ना किसानों को उनका बकाया समय पर मिले। चीनी मिलों द्वारा चीनी सीजन 2021-22 (1 अक्टूबर 2021 से शुरू) में किसानों से गन्ने की खरीद के लिए स्वीकृत एफआरपी लागू होगी।