RudraM-II: हवा से सतह पर मार करने वाली रुद्रम-II मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें इसकी ताकत

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: May 29, 2024 19:52 IST2024-05-29T19:50:51+5:302024-05-29T19:52:00+5:30

परीक्षण सफल रहा और मिसाइल ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया। मिसाइल के प्रदर्शन को इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा से मिलाया गया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मिसाइल सभी मानकों पर खरा उतरी।

Successful test of air-to-surface Rudram-II missile, know its strength DRDO | RudraM-II: हवा से सतह पर मार करने वाली रुद्रम-II मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें इसकी ताकत

रुद्रम-II मिसाइल का सफल परीक्षण

Highlightsयह एक स्वदेशी रूप से विकसित हवा से प्रक्षेपित की जाने वाली मिसाइल प्रणाली है यह हवा से सतह पर मार करने वाली भूमिका के लिए के लिए विकसित की गई हैइसकी रेंज 300 किमी है और इसमें एक अतिरिक्त इमेजिंग इन्फ्रारेड (IIR) सीकर है

RudraM-II Missile Successfully Test: भारत की रक्षा क्षमताओं को जबरदस्त बढ़ावा मिला है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने बुधवार को भारतीय वायु सेना (IAF) के Su-30 MKI विमान से हवा से सतह पर मार करने वाली रुद्रम-II मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। उड़ान परीक्षण सुबह करीब 11:30 बजे ओडिशा के तट से किया गया।

परीक्षण सफल रहा और मिसाइल ने सभी परीक्षण उद्देश्यों को पूरा किया। मिसाइल के प्रदर्शन को इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों जैसे रेंज ट्रैकिंग उपकरणों द्वारा कैप्चर किए गए उड़ान डेटा से मिलाया गया। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मिसाइल सभी मानकों पर खरा उतरी। 

रुद्रम-II की खासियत

- यह एक स्वदेशी रूप से विकसित हवा से प्रक्षेपित की जाने वाली मिसाइल प्रणाली है।

- यह  हवा से सतह पर मार करने वाली भूमिका के लिए के लिए विकसित की गई है।

- मिसाइल प्रणाली में विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित कई अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों को शामिल किया गया है।

- इसकी रेंज 300 किमी है और इसमें एक अतिरिक्त इमेजिंग इन्फ्रारेड (IIR) सीकर है।

- यह मिसाइल 200 किलोग्राम का पेलोड ले जाने में सक्षम है।

- मिसाइल मैक 5.5 की गति तक पहुंच सकती है।

इस ताकतवर मिसाइल का सफल परीक्षण ऐसे समय किया गया है जब चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच पाकिस्तान भी अपनी सामरिक क्षमता लगातार बढ़ाने में जुटा है। पाकिस्तान का प्रमुख सहयोगी चीन पिछले तीन वर्षों से जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी सेना की रक्षा क्षमताओं को सक्रिय रूप से बढ़ा रहा है। चीन पाकिस्तान को सीमा पर स्टीलहेड बंकरों का निर्माण करने में मदद कर  रहा है। चीन ने पाकिस्तान को उन्नत रडार सिस्टम दिए हैं जो मध्यम और कम ऊंचाई वाले लक्ष्य का पता लगाने में सक्षम हैं। ये रडार पाकिस्तान की सेना और  वायु रक्षा इकाइयों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया सहायता प्रदान करते हैं। इसके अतिरिक्त चीनी फर्म द्वारा निर्मित 155 मिमी ट्रक-माउंटेड होवित्जर तोप एसएच-15 की उपस्थिति एलओसी के साथ विभिन्न स्थानों पर देखी गई है।

भारतीय रक्षा रणनीतिकारों का मानना है कि भारत को हमेशा दो मोर्चे पर लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए। इसे देखते हुए भारत न सिर्फ नई मिसाइलों का परीक्षण कर कर रहा है बल्कि लड़ाकू विमानों की संख्या भी बढ़ा रहा है और उन्नत हवाई अड्डे भी बना रहा है।

Web Title: Successful test of air-to-surface Rudram-II missile, know its strength DRDO

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