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आईसीएस में हासिल किया चौथा स्थान, अंग्रेजी सरकार की नौकरी पर मार दी थी लात, जानिए सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी ये रोचक बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 23, 2020 07:27 IST

नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने 26 दिसम्बर 1937 में ऑस्ट्रियाई युवती एमिली शेंकल से विवाह कर लिया था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस जर्मनी की मशहूर अर्थशास्त्री हैं। 

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ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सख्ती से खड़े रहने और देश की आजादी के लिए अंत तक लड़ने वाले महान क्रांतिकारी नेता जी सुभाष चंद्र बोस को उनके जन्मदिन के अवसर पर लोकमत परिवार उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज हम राष्ट्रीय आन्दोलन में नेताजी के योगदान सहित उनके जीवन से जुड़ी तमाम अहम घटनाओं पर नज़र डालेंगे।

नेता जी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था। पिता जानकीनाथ बोस कटक के मशहूर वकील थेl

# कटक में प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने रेवेनशा कॉलिजियेट स्कूल में दाखिला लिया। जिसके बाद उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय से आगे की पढ़ाई पूरी की। 1919 में उन्होंने बीए की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास कर विश्वविद्यालय में दूसरा स्थान प्राप्त किया।

# अपने पिता की इच्छा पूरी कर नेताजी ने आईसीएस की परीक्षा दी। 1920 में दी गई इस आईसीएस परीक्षा में उन्होंने चौथा स्थान हासिल किया। मगर नेताजी सुभाष चंद्र बोस का मन अंग्रेजों के अधीन काम करने में नहीं लगा। 22 अप्रैल 1921 को उन्होंने इस पद से त्यागपत्र दे दिया।

# सुभाष चंद्र बोस की पहली मुलाकात गांधी जी से 20 जुलाई 1921 को हुई थी। गांधी जी की सलाह पर वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए काम करने लगे। नेता जी का मानना था कि देश को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए राजनैतिक गतिविधियों के साथ-साथ कूटनीतिक और सैन्य सहयोग की भी आवश्यकता पड़ेगी।  

महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आंदोलन में नेताजी का अहम योगदान रहा। नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने 26 दिसम्बर 1937 में ऑस्ट्रियाई युवती एमिली शेंकल से विवाह कर लिया था। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी अनीता बोस जर्मनी की मशहूर अर्थशास्त्री हैं। 

सुभाष चंद्र बोस दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। राजनीतिक मतभेदों के कारण, उन्होंने 1939 में कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और बंगाल में ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक  नामक पार्टी का गठन किया। इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य अपने गृह राज्य बंगाल में राजनीतिक वाम और प्रमुख समर्थन आधार को मजबूत करना था।

कलकत्ता में नेता जी ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया और इस विरोध प्रदर्शन के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद उन्हें नजरबंद कर दिया गया। अपनी चतुराई से बल पर नेता जी वहां से बच निकले और अफगानिस्तान के रास्ते जर्मनी चले गए।

महान क्रांतिकारी नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों से लोहा लेने वाली आजाद हिंद फौज का गठन किया। 1940 में ब्रिटेन के खिलाफ अथक संघर्ष करने की प्रमुख प्रेरणा विदेश में नेताजी  के कारनामों से मिली थी।

नेताजी ने दिल्ली चलो, तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा जैसे प्रसिद्ध नारों के जरिए देशवासियों में देशभक्ति की भावना को कायम रखा।  माना जाता है कि 18 अगस्त 1945 को ताइपे में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु विमान दुर्घटना से हो गई थी। देश की आजादी में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।

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