'मोदी है तो मुमिकन है' पोस्टर लेकर यूक्रेन से लौटे छात्रों ने प्रधानमंत्री से लगाई गुहार, देश के शिक्षण संस्थानों में दाखिला की मांग

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 17, 2022 16:35 IST2022-04-17T16:20:36+5:302022-04-17T16:35:55+5:30

छात्रों के माता-पिता का कहना है कि सरकार को हमारे बच्चों के करियर को उसी तरह बचाना चाहिए जैसे उन्होंने उनकी जान बचाई और उन्हें यूक्रेन से वापस लाया।

Students who returned from Ukraine demands admission to Indian institutions for their remaining education | 'मोदी है तो मुमिकन है' पोस्टर लेकर यूक्रेन से लौटे छात्रों ने प्रधानमंत्री से लगाई गुहार, देश के शिक्षण संस्थानों में दाखिला की मांग

'मोदी है तो मुमिकन है' पोस्टर लेकर यूक्रेन से लौटे छात्रों ने प्रधानमंत्री से लगाई गुहार, देश के शिक्षण संस्थानों में दाखिला की मांग

Highlightsआगे की पढ़ाई को लेकर छात्र और अभिभावक दोनों चिंतित18 हजार के करीब बताई जाती है भारतीय छात्रों की संख्या 

नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई है। रविवार छात्रों ने पीएम मोदी से ये मांग की है कि उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए भारतीय शिक्षण संस्थानों में दाखिला दिया जाए।

आगे की पढ़ाई को लेकर छात्र और अभिभावक दोनों चिंतित

छात्र जंतर-मंतर में अपने माता-पिता के साथ एकत्रित हुए थे और उनके हाथों में 'मोदी है तो मुमकिन है' लिखे हुए पोस्टर थे। छात्र और अभिभावक दोनों चिंतित है। छात्रों के माता-पिता का कहना है कि सरकार को हमारे बच्चों के करियर को उसी तरह बचाना चाहिए जैसे उन्होंने उनकी जान बचाई और उन्हें यूक्रेन से वापस लाया।

18 हजार के करीब बताई जाती है भारतीय छात्रों की संख्या 

बता दें कि यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय छात्र कीव, खारकीव और सूमी जैसे अलग-अलग शहरों में फंसे हुए थे। मोदी सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत उन छात्रों को भारत वापस लाया था। लेकिन अब संकट यह है कि वे छात्र बची हुई पढ़ाई कैसे पूरी करेंगे।

अकादमिक मूल्यांक के आधार पर दी जा सकती है मेडिकल की डिग्री

बताया जाता है कि यूक्रेन से लौटे ज्यादातर छात्र मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि यूक्रेन की सरकार ने वहां से लौटने को मजबूर हुए भारतीय छात्रों की मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के लिहाज से कुछ छूट देने का फैसला किया है और अब छात्रों को उनके एकेडमिक मूल्यांकन के आधार पर मेडिकल की डिग्री दी जा सकेगी। साथ ही उन्हें ‘KROK 2’ परीक्षा देने की जरूरत नहीं होगी।

Web Title: Students who returned from Ukraine demands admission to Indian institutions for their remaining education

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