डीयू के कॉलेजों में 100 प्रतिशत कटऑफ से छात्र मायूस

By भाषा | Published: October 2, 2021 10:49 AM2021-10-02T10:49:06+5:302021-10-02T10:49:06+5:30

Students disappointed with 100 percent cutoff in DU colleges | डीयू के कॉलेजों में 100 प्रतिशत कटऑफ से छात्र मायूस

डीयू के कॉलेजों में 100 प्रतिशत कटऑफ से छात्र मायूस

नयी दिल्ली, दो अक्टूबर दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कॉलेजों में शत प्रतिशत कट ऑफ ने उन छात्रों को मायूस कर दिया है जिन्होंने 12वीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं और अब वे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि डीयू में दाखिला पाने का उनका सपना हकीकत नहीं बन पाएगा।

डीयू ने स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए शुक्रवार को पहली कटऑफ सूची जारी की जिसमें श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) और हिंदू कॉलेज जैसे प्रमुख कॉलेजों में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए कटऑफ 100 प्रतिशत है।

चंडीगढ़ की भाविका ने ‘बेस्ट ऑफ फोर’ विषयों में 95.5 प्रतिशत अंक हासिल किया है और वह या तो लेडी श्रीराम कॉलेज या श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से अर्थशास्त्र में स्नातक करना चाहती हैं। भाविका ने कहा, ‘‘डीयू का कटऑफ देखकर इस वक्त ऐसा लग रहा है जैसे सपना अधूरा रह जाएगा। मैंने ईसीए कोटा के तहत आवेदन किया है जिसके तहत दाखिला तभी हो पाएगा जब विभिन्न कोटा के तहत सीटें भर जाएंगी। इसके अलावा मैंने सिम्बायोसिस लॉ स्कूल, पुणे में भी दाखिला लिया है लेकिन डीयू मेरी पहली प्राथमिकता है।’’

उनकी दोस्त इशिता मेहरा ने ‘बेस्ट ऑफ फोर’ में 93.6 प्रतिशत अंक हासिल किए हें और उन्होंने विकल्प के तौर पर चंडीगढ़ के एसडी कॉलेज में दाखिला लिया है।

उत्तर प्रदेश के रतौल की रोशनी जहूर ने अपने ‘बेस्ट ऑफ फोर’ विषयों में 94.75 प्रतिशत अंक हासिल किया है और वह प्रसिद्ध नॉर्थ कैम्पस के कॉलेज से इतिहास में स्नातक करना चाहती हैं।

जहूर ने कहा, ‘‘कटऑफ बहुत अधिक हैं और मैं कैम्पस कॉलेजों में पहली सूची में दाखिला नहीं ले पाऊंगी। हालांकि, देशबंधु कॉलेज और आर्यभट्ट कॉलेजों में मुझे दाखिला मिल सकता है। इसके बाद अगर मैं चाहूं तो सूची में शामिल विषयों में बेहतर अंक लाकर उन कॉलेजों में दाखिला ले सकती हूं।’’

दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) की कोषाध्यक्ष आभा देव हबीब ने कहा कि छात्रों को मायूस नहीं होना चाहिए और आगे के कटऑफ का इंतजार करना चाहिए। इंद्रप्रस्थ कॉलेज फॉर विमेन की प्रधानाध्यापिका डॉ. बबली मोइत्रा सराफ ने कहा कि पहली सूची में कटऑफ में बारी नहीं आने पर छात्रों को मायूस नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पहली और दूसरी कटऑफ अधिक होती है क्योंकि कॉलेज अत्यधिक संख्या में दाखिला का जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। नियम यह है कि कटऑफ के मुताबिक अंक हासिल करने वाले सभी छात्रों को सीटों की संख्या के बावजूद समायोजित किया जाए।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली में इंद्रप्रस्थ कॉलेज और आंबेडकर कॉलेज जैसे कई कॉलेज और विश्वविद्यालय हैं।

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Web Title: Students disappointed with 100 percent cutoff in DU colleges

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