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Madhya Pradesh:जान बचाने के लिए जज की कार छीनकर फंसे स्टूडेंट्सः CM डॉ. यादव ने कहा- जल्दबाजी न करे पुलिस, शिवराज ने चीफ जस्टिस को लिखा पत्र

By आकाश सेन | Updated: December 16, 2023 22:04 IST

भोपाल: ग्वालियर में जज के ड्राइवर से कार छीनकर कर निजी विश्व विद्यालय के कुलपति को अस्पताल पहुंचाने वाले दो छात्र जेल में हैं। दोनों छात्र ABVP से भी जुड़े हुए है ।दोनों की गिरफ्तार को ABVP ने गलत करार दिया है। वही मामले में सीएम डॉ मोहन यादव ने जांच के आदेश दिए है । वही पूर्व सीएम शिवराज ने भी मामले में HC को पत्र लिखकर दोनों छात्रों को क्षमा करने का अनुरोध किया है ।

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ठळक मुद्देजान बचाने के लिए जज की कार छीनकर फंसे स्टूडेंट्स। CM डॉ. यादव ने कहा- जल्दबाजी न करे पुलिस।'पूरे प्रकरण की पूरी जांच के दिए आदेश'पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने HC को लिखा पत्र ।मानवीय आधार पर सहयोग और जान बचाने के अभिप्राय से यह अपराध हुआ है- शिवराज।दोनों छात्रों को क्षमा करने का HC से पूर्व सीएम शिवराज ने किया अनुरोध ।

भोपाल: ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर जज के ड्राइवर से कार छीनकर कर निजी विश्व विद्यालय के कुलपति को अस्पताल पहुंचाने वाले दोनों छात्र जेल में हैं। दोनों छात्रों पर डकैती का मामला दर्ज किया गया है। एक तरफ जहां एबीवीपी मामले में कोर्ट की शरण में जाकर दोनों छात्रों को रिहा करने की मांग कर रही है । तो वही अब मामले में एमपी के सीएम ने पुलिस को जांच के आदेश देने के साथ ही जल्दबाजी में गंभीर धाराओं ना लगाने की बात कही है ।  

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला महामंत्री हिमांशु और सुकृत के बचाव में पूर्व CM शिवराज सिंह चौहान ने मुख्य न्यायाधीश जबलपुर हाईकोर्ट को पत्र लिखकर कहा है कि मानवीय आधार पर सहयोग और जान बचाने के अभिप्राय से यह अपराध हुआ है। यह अपराध है, पर क्षमा योग्य भी है।  वही एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हम छात्रों की पूरी मदद करेंगे। इसी के साथ उन्होंने मामले की जांच के आदेश भी दे दिए है। वही  अपराध के मामले में कहा कि पुलिस जल्दबाजी न करे। गंभीर धाराएं तुरंत लगाने से बचने की जरूरत है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी छात्रों के प्रति नरम व्यवहार रखने की बात कही है।

क्या हैं पूरा मामला - 

10 दिसंबर की रात कुलपति की जान बचाने से शुरू हुआ विवाद

उत्तर प्रदेश के पीके विश्वविद्यालय के कुलपति रणजीत सिंह  रविवार 10 दिसंबर रात को दिल्ली से दक्षिण एक्सप्रेस से ग्वालियर होते हुए झांसी के लिए जा रहे थे। इसी ट्रेन में दिल्ली से राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला महामंत्री व प्रांतीय सहमंत्री हिमांशु शर्मा और शिवपुरी के सुकृत कुमार भी लौट रहे थे। आगरा निकलते ही कुलपति की तबीयत अचानक खराब हो गई। उनके साथ चल रहे छात्रों ने मुरैना में रेलवे से तत्काल चिकित्सा सुविधा मांगी, लेकिन कहा गया कि ग्वालियर स्टेशन के बाहर एंबुलेंस मिल जाएगी। वहां से उन्हें सीधे अस्पताल ले जाया जा सकता है।रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 3.45 बजे ट्रेन ग्वालियर पहुंची तो यहां छात्र कुलपति को लेकर बाहर आए। बाहर कोई एंबुलेंस नहीं मिली, जबकि कुलपति की हालत बेहद नाजुक थी। छात्रों ने ग्वालियर स्टेशन के पोर्च में खड़ी हाईकोर्ट जज की कार में कुलपतिको लिटा दिया। गाड़ी में ड्राइवर ही बैठा था। उसने रोकने का प्रयास किया, लेकिन छात्र गाड़ी छीनकर ले गए।

11 दिसंबर को छात्रों पर डकैती का केस हुआ दर्ज

घटना के ठीक 20 घंटे बाद 11 दिसंबर  को छात्रों के खिलाफ हाईकोर्ट जज के ड्राइवर की शिकायत पर डकैती का केस हुआ। छात्रों को पूछताछ करने के लिए बुलाकर गिरफ्तार कर लिया गया। इस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता और छात्र रातभर शहर के पड़ाव थाने पर धरना देते रहे।

12 दिसंबर को छात्रों को जेल भेजा गया 

12 दिसंबर को दोनों छात्रों हिमांशु और सुकृत कुमार को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया। यहां से उन्हें सेंट्रल जेल ग्वालियर भेज दिया गया। दोनों को सामान्य बैरक में रखा गया था।

13 दिसंबर को छात्रों को बुखार और घबराहट हुई

बुधवार 13 दिसंबर की सुबह हिमांशु शर्मा को बुखार आया तो उसके साथी सुकृत को घबराहट होने पर सेंट्रल जेल से सीधे न्यू जेएएच ले जाया गया। यहां उनको डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। शुक्रवार शाम तक वे अस्पताल में ही भर्ती थे। पहले से हालत बेहतर है।

जज बोले- मदद बलपूर्वक नहीं ले सकते, जमानत खारिज की

बुधवार शाम को ग्वालियर के जिला एवं सत्र न्यायालय में दोनों छात्रों की जमानत के लिए ABVP ने आवेदन लगाया गया था। यह जमानत आवेदन न्यायाधीश संजय गोयल की कोर्ट में पेश किया गया।  यहां आवेदन निरस्त करते हुए जज संजय गोयल ने टिप्पणी की कि यह स्पष्ट है कि मदद मांगने का काम विनम्रतापूर्वक किया जाता है, न कि बलपूर्वक। पुलिस प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि रेलवे स्टेशन पर एंबुलेंस आ चुकी थी और किसी भी अस्वस्थ व्यक्ति या मरीज को ले जाने के लिए एंबुलेंस ही सही व्यवस्था है। ऐसा भी पता लगा है कि दोनों छात्रों ने शासकीय वाहन के चालक से झूमाझटकी भी की है।

अब हाईकोर्ट में लगाया जमानत आवेदन

दोनों छात्रों की जमानत के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ही जमानत के लिए प्रयास कर रही है। दोनों की पूरी जिम्मेदारी ABVP की टीम ने ले रखी है। जमानत के लिए आवेदन सेशन कोर्ट से खारिज होते ही अगले दिन हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में लगा दिया गया है। इस पर अगले सप्ताह सोमवार या मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। तो वही शासन स्तर पर भी मामले की जांच के आदेश से उम्मीद है कि जांच आने के बाद कोर्ट में दुबारा से केस की चार्ज शीट पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। उससे छात्रों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।  

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