फांसी के एक फंदे में होता है 7200 धागों का इस्तेमाल, बिहार के बक्सर जेल में ऐसे होता है तैयार

By एस पी सिन्हा | Published: December 12, 2019 06:58 PM2019-12-12T18:58:59+5:302019-12-12T19:00:15+5:30

एक फंदे पर 150 किलोग्राम तक के वजन को झुलाया जा सकता है. इस रस्सी को मुलायम व लचीला रखा जा है. गंगा किनारे जेल होने के कारण यहां फंदा बनाना सुगम है.

Story of making Fansi ka Fanda in Bihar Buxar Jail, know the process | फांसी के एक फंदे में होता है 7200 धागों का इस्तेमाल, बिहार के बक्सर जेल में ऐसे होता है तैयार

फांसी के एक फंदे में होता है 7200 धागों का इस्तेमाल, बिहार के बक्सर जेल में ऐसे होता है तैयार

Highlightsअफजल गुरू को फांसी देने के लिए बक्सर जेल से ही फांसी का फंदा भेजा गया था.वर्ष 2016-17 में बक्सर जेल से ही मांगे जाने पर फंदे की आपूर्ति की गई थी.

फांसी दिये जाने की मांग और फांसी पर लटका देने की घटनायें अक्सर सामने आती रहती हैं, लेकिन शायद ही किसी को यह पता होगा कि फांसी की रस्सी कैसे तैयार की जाती है. तो यहां जान लेना आवश्यक है कि फांसी का फंदा कैसे तैयार किया जाता है? इसको बनाने में सूत का धागा, फेविकोल, पीतल का बुश, पैराशूट रोप आदि का इस्तेमाल जाता है. एक फंदे में 72 सौ धागों का इस्तेमाल होता है.

सूत्रों का कहना है कि एक फंदे पर 150 किलोग्राम तक के वजन को झुलाया जा सकता है. इस रस्सी को मुलायम व लचीला रखा जा है. गंगा किनारे जेल होने के कारण यहां फंदा बनाना सुगम है. उल्लेखनीय है कि किसी भी जेल में फांसी देने के लिए फंदा बिहार के बक्सर सेट्रल जेल से ही भेजा जाता है. यहां अंग्रेजों के शासनकाल के समय से ही फंदा तैयार किया जाता है. यह फंदा यहां के कैदी और कुशल कारीगर बनाते हैं. जेल के अंदर एक पावरलूम मशीन लगी है. सूत्रों का कहना है कि तिहाड़ जेल में वर्ष 2013 में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी देने के लिए बक्सर जेल से ही फांसी का फंदा भेजा गया था.

सूत्रों के अनुसार तिहाड़ से ऑर्डर आने के बाद उस समय फंदा 1725 रुपए में भेजा गया था. लेकिन अभी बन रहे फंदों की कीमत अधिक हो गई है. हालांकि, कच्चे सामान के दाम में वृद्धि होने से फंदे की कीमत पर भी महंगाई की मार है. 

इसके अलावा पाटियाला जेल में भी वर्ष 2016-17 में बक्सर जेल से ही मांगे जाने पर फंदे की आपूर्ति की गई थी. किसी भी जेल में फांसी की तिथि तय होने के पहले ही फांसी का फंदा पहुंचा दिया जाता है. ऐसा माना जा रहा है कि सजायाफ्ता कैदी के वजन के बराबर बोझ को लेकर पहले रस्सी का ट्रायल कर लिया जाता है ताकि फांसी के समय कोई परेशानी नहीं आए. 

Web Title: Story of making Fansi ka Fanda in Bihar Buxar Jail, know the process

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