नई दिल्लीः सोशल एक्टिविस्ट स्टेन स्वामी की मौत को लेकर राजनीतिक दल और सोशल मीडिया पर लगातार आ रहे ट्वीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को स्टेन की हत्या का दोषी मान रहे हैं।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘फादर स्टेन स्वामी के निधन पर भावभीनी श्रद्धांजलि। वह न्याय और मानवीयता के हकदार थे।’’ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘फादर स्टेन स्वामी को विनम्र श्रद्धांजलि। कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक व्यक्ति जिसने जीवन भर गरीबों-आदिवासियों की सेवा की और मानव अधिकारों की आवाज बना, उन्हें मृत्यु की घड़ी में भी न्याय एवं मानव अधिकारों से वंचित रखा गया।’’
पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट के जरिए दावा किया, ‘‘ इस त्रासदी के लिए भारत सरकार की व्यवस्था में किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा? कोई गलती मत करिए-यह इंडियन स्टेट है, जिसने उन फादर स्टेन स्वामी की हत्या की जो सामाजिक न्याय के प्रखर पैरोकार थे।’’
जाने माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने ट्वीट किया " स्वामी की दुखद मौत पूरी तरह न्यायिक हत्या का मामला है ,जिसके लिये गृह मंत्रालय और न्यायपालिका संयुक्त रूप से गुनाहगार हैं"। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा 84 वर्ष का समाज सेवक जो पार्किंसंस बीमारी से पीड़ित था, जिसने जीवनभर जनजातियों के लिये काम किया उसे ज़मानत तक नहीं दी गयी यह जानते हुए कि वह गंभीर बीमारी से पीड़ित है। सोशल मीडिया पर सुबह से ऐसे ट्वीट के ज़रिये सरकार और न्यायपालिका पर हमला हो रहा है और यह हमला लगातार जारी है।
स्वामी के निधन से दुखी और आक्रोशित हूं: येचुरी
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि वह फादर स्टेन स्वामी के निधन से दुखी और आक्रोशित हैं। येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘फादर स्टैन स्वामी के निधन से बहुत दुखी और आक्रोशित हूं। वह एक पादरी और सामाजिक कार्यकर्ता थे जिन्होंने कमजोरों की अथक सहायता की।
अधिकनायकवादी गैर कानूनी गतिविधियां नियंत्रक अधिनियम (यूएपीए) के तहत उन्हें हिरासत में लिया गया और आमनवीय व्यवहार किया गया, जबकि उन पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ था।’’ उन्होंने कहा कि ‘हिरासत में हुई इस हत्या’ के लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए।