श्री श्री रविशंकर ने किया ऑर्गेनिक खेती को अपनाने और प्लास्टिक के समझदारी पूर्ण इस्तेमाल का आह्वान
By भाषा | Updated: October 29, 2021 21:06 IST2021-10-29T21:06:16+5:302021-10-29T21:06:16+5:30

श्री श्री रविशंकर ने किया ऑर्गेनिक खेती को अपनाने और प्लास्टिक के समझदारी पूर्ण इस्तेमाल का आह्वान
लखनऊ, 29 अक्टूबर आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए ऑर्गेनिक खेती को व्यापक रूप से अपनाने तथा प्लास्टिक का समझदारी के साथ इस्तेमाल करने का आह्वान किया।
रविशंकर ने 'उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन सम्मेलन-2021' के दूसरे और अंतिम दिन ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुये इस बात पर चिंता भी जताई कि दुनिया के अनेक देश जलवायु परिवर्तन एजेंडा के बारे में बात तो करते हैं लेकिन उससे निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाये हैं ।
उन्होंने कहा कि खेती में फसल उगाने के लिए रसायनों का उपयोग करने से न सिर्फ मिट्टी की परत को नुकसान पहुंचता है बल्कि इससे हमारी जल राशियों पर भी बुरा असर पड़ता है, इसलिए किसानों को ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और इसे व्यापक रूप से अपनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।
आध्यात्मिक गुरु ने कहा कि प्लास्टिक के इस्तेमाल को एकदम से बंद कर देना संभव नहीं है इसलिए अभी यह जरूरी है कि इसका समझदारी पूर्ण प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि यह हम सब की जिम्मेदारी है कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगायें और अपने गांव के तालाब और पोखर को साफ रखें और इसके साथ ही नदियों में गंदगी फेंकने से बचें।
इस बीच, नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने कॉन्क्लेव की एक तकनीकी सत्र में कहा कि नीति आयोग ऊर्जा के लिहाज से दक्ष मोबिलिटी समाधान को प्रोत्साहित करने में निजी क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने के प्रति उत्सुक है।
उन्होंने कहा "हमें जलवायु परिवर्तन के प्रति और अधिक सतत समाधान तैयार करने की जरूरत है। लगभग 24 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश इस मामले में व्यापक भागीदारी निभा सकता है।"
कांत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के उद्देश्य से किए जाने वाले नए प्रयासों के लिए वित्त पोषण की कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी कंपनियों की मदद करनी होगी जो अपनी मर्जी से प्रदूषण मुक्त बनना चाहती हैं।"
दो दिवसीय 'उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन सम्मेलन' का उद्घाटन गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था।
इस सम्मेलन के दूसरे और अंतिम दिन छह तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिनमें विभिन्न थीम पर विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय रखी। इन सत्रों में वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, वरिष्ठ नीति निर्धारकों तथा अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अब जलवायु परिवर्तन सम्मेलन का आयोजन हर साल किया जाएगा।
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