वाहनों की रफ्तार से होने वाले हादसों पर लगेगी रोक, पेश किया गया प्रस्ताव
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: March 16, 2018 02:07 AM2018-03-16T02:07:56+5:302018-03-16T02:07:56+5:30
शहरी सीमा में कारों की अधिकतम गति सीमा को बढ़ाकर 70 किलोमीटर प्रति घंटा करने का प्रस्ताव सरकार ने हाल में पेश किया है। इसके मुताबिक ट्रकों के लिए नई गति सीमा तय की गई है
नई दिल्ली(16 मार्च): शहरी सीमा में कारों की अधिकतम गति सीमा को बढ़ाकर 70 किलोमीटर प्रति घंटा करने का प्रस्ताव सरकार ने हाल में पेश किया है। इसके मुताबिक ट्रकों के लिए नई गति सीमा तय की गई है जो 60 किलोमीटर है व दुपहियों के लिए 50 किलोमीटर है। यह फैसला शहरों में बेहतर सड़कों, हाईवे और ओवरस्पीडिंग से जुड़े अनावश्यक चालानों से बचाने के लेकर लिया गया है। सरकार को तेज रफ्तार होने वाले हादसों पर विशेषज्ञों ने आगाह किया है।
जन हित को लेकर पेश किए गए इस प्रस्ताव को हाल ही में केद्रीय सड़क परिवहन एव राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसे मंजूरी दी थी। अब पर आखिरी मुहर के लिए इसे कानून मंत्रालय के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है। जहां पर इससे जुड़ी अधिसूचना जारी की जाएंगी। नई शहरी गति सीमाएं पूरे देश में समान रूप से लागू होंगी। आज के समय में देश के ज्यादातर राज्यों में शहरी सीमा के भीतर प्रायः 40-50 किलोमीटर की गति सीमा लागू है।
वहीं, बड़े शहरों की बात की जाए तो यहां हाईवे व एक्सप्रेसवे पर इसे 60 किलोमीटर तक बढ़ाया गया है। वहीं, नगर निगमों द्वारा शहरी सड़कों पर वाहनों की श्रेणी के अनुसार अलग-अलग गति सीमाएं लागू की जाती हैं।अधिकतर लोग ओवरस्पीडिंग के आरोप में चालान का शिकार हो जाते हैं। इस प्रस्ताव से इस पर रोक लग सकेगी।
केंद्र की मंशा कुछ भी हो, लेकिन सड़क सुरक्षा संगठनों ने इस निर्णय के प्रति सरकार को आगाह किया है। इंटरनेशनल रोड फेडरेशन के अध्यक्ष केके कपिला ने कहा कि बेहतर सड़कों, हाईवे और एक्सप्रेसवे के निर्माण को देखते हुए शहरी गति सीमाओं में वृद्धि उचित है। फुटपाथ वाली सड़क पर 70 किमी की रफ्तार माकूल मानी जाती है लेकिन बिना फुटपाथ वाली संकरी सड़क पर 40 किमी की रफ्तार से वाहन चलाना भी दुर्घटना तो जन्म दे सकता है। साल 2016 में अकेले ओवरस्पीडिंग के कारण 74 हजार लोगों की मौत हुई थी।