JNU Voilence: जेएनयू कैंपस की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल, निगरानी के लिए लगने थे 600 सीसीटीवी कैमरे, लेकिन लगे केवल 100

By एसके गुप्ता | Published: January 7, 2020 07:37 AM2020-01-07T07:37:02+5:302020-01-07T07:37:02+5:30

जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार शाम हुई हिंसा, तोड़फोड़ बाद कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार (5 जनवरी 2020) शाम को जेएनयू परिसर में नकाब लगाए लोगों ने हमला किया।

Special report on JNU Violence: Only 100 CCTV cameras to monitor JNU campus | JNU Voilence: जेएनयू कैंपस की सुरक्षा को लेकर उठे सवाल, निगरानी के लिए लगने थे 600 सीसीटीवी कैमरे, लेकिन लगे केवल 100

जेएनयू प्रशासन ने दिल्ली HC में हलफनामा दायर किया था कि कैंपस में सुरक्षा निगरानी के लिए 600 सीसीसीटीवी कैमरे लगवाएगा.

Highlightsविवि परिसर की निगरानी के लिए यहां महज 100 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं.सीसीटीवी कैमरे केवल जेएनयू कैंपस के मुख्य द्बार, प्रशासनिक खंड और स्कूल ऑफ साइंस पर ही लगे हैं.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र गुटों के बीच हुई मारपीट के बाद एक बार फिर कैंपस की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. विवि परिसर की निगरानी के लिए यहां महज 100 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. जबकि कन्हैया प्रकरण के बाद जेएनयू प्रशासन ने दिल्ली हाईकोर्ट में मई 2017 में यह हलफनामा दायर किया था कि वह कैंपस में सुरक्षा निगरानी के लिए 600 सीसीसीटीवी कैमरे लगवाएगा.

जानकारी के अनुसार जेएनयू कैंपस में 17 हॉस्टल और 15 स्कूल हैं. लेकिन सीसीटीवी कैमरे केवल जेएनयू कैंपस के मुख्य द्बार, प्रशासनिक खंड और स्कूल ऑफ साइंस पर ही लगे हैं. जबकि अधिकांश वारदातें जेएनयू हॉस्टल में ही होती हैं. जेएनयू के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने लोकमत से कहा कि छात्रों को इस बात की आपत्ति थी कि अगर हॉस्टल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे तो इससे उनकी निजता का हनन होगा.

क्योंकि कोर्ट का भी यही निर्देश था कि कैंपस में कैमरे लगाते समय छात्रों की निजता का पूरा ध्यान रखा जाए. ऐसे में यह तय हुआ कि स्कूल और स्टडी सेंटर में सीसीसीटीव कैमरे लगाए जाएं. स्कूलों के बाहर सीसीसीटीवी कैमरे लगाए भी गए लेकिन छात्रों ने इन्हें तोड़ दिया.

मुख्य द्बार पर सुरक्षा कर्मियों का कार्यालय जेएनयू में आवाजाही करने वालों पर निगरानी के लिए जेएनयू के मुख्य गेट से महज चंद कदमों की दूरी पर ही सुरक्षा कर्मियों का कार्यालय बना हुआ है. जेएनयू सुरक्षाकर्मी कैंपस में आने वाले लोगों की एंट्री तभी करते हैं जब लोग अपनी पहचान का परिचय उन्हें देते हैं या फिर जिससे वह मिलने जा रहे हैं.

गेट पर मौजूद सुरक्षाकर्मी से आगंतुक उस छात्र या प्रोफेसर से जब तक बात नहीं करा देते जिससे वह मिलने जा रहे हैं, तब तक आगंतुक को कैंपस में जाने नहीं दिया जाता है. इस गेट पर करीब छह सुरक्षा कर्मी तैनात रहते हैं. लेकिन रविवार शाम को जेएनयू में मास्क लगाकर पहुंचे गुंडों को किसने बुलाया और वह गेट से कैसे एंट्री करके हॉस्टल तक मारपीट करने पहुंचे. इसका जवाब न तो सुरक्षा कर्मियों के पास है और न ही जेएनयू प्रशासन के पास.

Web Title: Special report on JNU Violence: Only 100 CCTV cameras to monitor JNU campus

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