मुंबईः मुंबई की एक अदालत ने उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक एसयूवी गाड़ी में विस्फोटक मिलने तथा कारोबारी मनसुख हिरन की मौत के मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की एनआईए की हिरासत 9 अप्रैल तक बढ़ा दी।
सीबीआई ने कहा कि वह निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से पूछताछ करना चाहती है। मामले में 13 मार्च को गिरफ्तार किये गये वाझे को रिमांड समाप्त होने के बाद यहां विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने छह और दिन के लिए वाझे की रिमांड की मांग की थी।
सीबीआई ने वाझे से पूछताछ के लिए एनआईए अदालत से अनुमति मांगी
सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच के सिलसिले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे से पूछताछ के लिए बुधवार को विशेष एनआईए अदालत से अनुमति देने का अनुरोध किया।
वाझे को 13 मार्च को दक्षिणी मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास एक वाहन खड़ा हुआ पाए जाने तथा व्यवसायी मनसुख हिरन की मौत मामलों में गिरफ्तार किया गया था। वाहन में जिलेटिन की छड़ें रखी थीं। वाजे अभी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में हैं और उन्हें बुधवार को विशेष एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा।
सीबीआई ने बुधवार को विशेष एनआईए अदालत में याचिका दायर कर वाझे से पूछताछ के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया। रिमांड के लिए वाजे को पेश किए जाने पर अदालत इस याचिका पर सुनवाई करेगी। बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परम बीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए मंगलवार देर रात प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की।
एनआईए के वकील, अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि एजेंसी ने सीसीटीवी फुटेज के डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग (डीवीआर) और लैपटॉप जैसे साक्ष्य जब्त कर लिये हैं और इनकी पड़ताल की जरूरत है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद वाजे की हिरासत 9 अप्रैल तक बढ़ा दी।
अंबानी के घर के नजदीक 25 फरवरी को एक स्कॉर्पियो कार में जिलेटिन की छड़ें मिली थीं। मनसुख हिरन ने तब दावा किया था कि यह कार एक सप्ताह पहले चोरी की गयी थी और उस समय उनके पास थी। बाद में हिरन पांच मार्च को ठाणे के एक क्रीक में मृत मिले थे।
अधिकारियों ने बताया कि एक दस्तावेज में कार्यालयों के नाम हैं तथा पदों के साथ अफसरों के नाम हैं और नामों के सामने रकम का जिक्र है और इसकी माहवार तालिका बनाई गई है। अधिकारियों को शक है कि कार्यालयों और अफसरों के नामों के सामने उल्लेखित रकम रिश्वत हो सकती है जो हर महीने दी जाती है। मामले से संबंधित और जानकारी साझा करने से पहले एनआईए क्लब के मालिक तथा अन्य से दस्तावेज के संबंध में स्पष्टीकरण मांगेगी।