लखनऊ: समाजवादी पार्टी की तरफ से सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पर भाजपा को मजबूत करने का आरोप लगाते हुए खुला खत लिखा गया। इसमें राजभर को संबोधित करते हुए कहा गया था कि अगर आपको लगता है, कहीं ज्यादा सम्मान मिलेगा तो वहां जाने के लिए आप स्वतंत्र हैं। सपा की चिठ्ठी के बाद सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर का बयान आया है। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि इस तलाक को मंजूर करते हैं। आगे इसका जवाब देंगे।
समाजवादी पार्टी की चिठ्ठी पर सुभासपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव और उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व राज्य मंत्री रहे डॉ. अरविन्द राजभर की भी प्रतिक्रिया आई है। अरविन्द राजभर ने ट्वीट करते हुए लिखा है, "ख़ुद-कुशी करती है आपस की सियासत कैसे, हमने ये फ़िल्म नई ख़ूब इधर देखी है। धन्यवाद है समाजवादी पार्टी, अखिलेश यादव जी को...फिप मिलेंगे चलते चलते।" डॉ. अरविन्द राजभर के इस ट्वीट को ओमप्रकाश राजभर ने रीट्वीट भी किया है।
टूट गया सपा-सुभासपा गठबंधन!
इस मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आज उन्होंने (सपा) तलाक दे दिया है और हमने उसे स्वीकार कर लिया है। अगला कदम बसपा है। जब मैं सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलता हूं तो यह उनके लिए (अखिलेश यादव के लिए) बुरा होता है लेकिन अखिलेश यादव सीएम से मिलते हैं तो अच्छा है। 2024 तक सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। हम दलितों और पिछड़ों के लिए लड़ते रहे हैं और आगे भी लड़ते रहेंगे।
राजभर ने प्रेस वार्ता में अखिलेश पर जम कर निशाना साधा। राजभर ने कहा कि इस तलाक के पीछे मौलाना संदीप भदौरिया, अरविंद सिंह और नरेश उत्तम पटेल समेत अखिलेश के नौ रत्न हैं। ये वही लोग हैं जो अपना बूथ तक नहीं जिता सकते। राजभर यहीं नहीं रुके, सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी किसी के साथ ज्यादा दिन नहीं रहती। ये न कांग्रेस के साथ ही टिक सके और न ही बसपा के साथ। प्रेसवार्ता में राजभर ने कहा कि मैं किसी का गुलाम नहीं हूं। अखिलेश यादव को सुर में सुर मिलाकर बात करने वाला नेता चाहिए। राजभर ने कहा कि ईश्वर करे कि वो एसी से बाहर न निकलें। वह एसी घर में बने रहने के लिए है। दलितों व वंचितों की लड़ाई उनके बस की नहीं है।