South India LS Polls 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'अबकी बार 400 पार' के नारे के साथ आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। दक्षिण भारत में लगातार रैली और रोड शो कर रहे हैं। कल पीएम ने तेलंगाना में रोड शो किया और आज दक्षिणी केरल के पालक्काड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में रोड शो किया। दक्षिण भारत के 5 बड़े राज्य पर प्रधानमंत्री फोकस कर रहे हैं। तेलंगाना में 17, तमिलनाडु और पुड्डचेरी को मिलाकर 40, केरल में 20, कर्नाटक में 28 और आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा की सीट हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को तमिलनाडु के पश्चिमी शहर सलेम में एक रैली को संबोधित करेंगे। एक दिन पहले उन्होंने कोयंबटूर में एक रोड शो किया था जिसमें भारी संख्या में लोग मौजूद रहे थे। उन्होंने पिछले कुछ महीनों में दक्षिणी राज्य का कई बार दौरा किया है।
प्रधानमंत्री की इस रैली में पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस. रामदॉस सहित गठबंधन दलों के कई नेता शामिल हो सकते हैं। तमिलनाडु में 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस दक्षिणी राज्य में अपनी स्थिति को मजबूत करने की ओर ध्यान केंद्रित कर रही है। वह आगामी चुनावों में अपने 'मिशन 400 सीट’ के तहत राज्य की 39 लोकसभा सीटों में से कई सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले सप्ताह कन्याकुमारी में भी एक सभा को संबोधित किया था।
1- तेलंगानाः जनमत सर्वेक्षण के अनुसार भाजपा को तेलंगाना में महत्वपूर्ण बढ़त मिलने की संभावना है। 17 में से 8 सीटें हासिल करने का अनुमान है। इसके विपरीत सर्वेक्षण के पूर्वानुमानों के अनुसार, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को 6 सीटें जीतने की उम्मीद है, जबकि बीआरएस की सीट हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 2 रह गई है। 2019 के लोकसभा चुनावों में के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली टीआरएस तेलंगाना की 17 सीटों में से 9 सीटों पर विजयी हुई, जबकि भाजपा ने 4 सीटें हासिल कीं। कांग्रेस और एआईएमआईएम ने क्रमशः 3 और 1 सीटें हासिल कीं।
2- तमिलनाडुः ओपिनियन पोल के अनुसार डीएमके और कांग्रेस गठबंधन को दक्षिणी राज्य की 39 में से 30 सीटों पर जीत हासिल करने का अनुमान है। 2019 में उसके प्रदर्शन में थोड़ी गिरावट है। दिलचस्प बात यह है कि ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी को 5 सीट मिल सकती है। अभी तक राज्य में गठबंधन नहीं बनाया है। डीएमके-कांग्रेस गठबंधन को 51% वोट मिलने का अनुमान है। 2019 के लोकसभा चुनावों में डीएमके-कांग्रेस गठबंधन ने तमिलनाडु में 39 में से 38 सीटों पर जीत हासिल की थी। एआईएडीएमके सिर्फ 1 सीट जीतने में सफल रही।
3- केरलः ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को केरल की 20 सीटों में से 14 सीटें मिलने की उम्मीद है। सत्तारूढ़ एलडीएफ को 4 सीटें मिलने की उम्मीद है। 2019 में यूडीएफ ने केरल में 18 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की थी, जबकि सीएम पिनारी विजयन के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सिर्फ 2 सीटें जीती थीं। जनमत सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया कि इंडिया ब्लॉक को 47% वोट शेयर मिलेगा जबकि एलडीएफ को 32% से अधिक वोट मिलेंगे।
4- कर्नाटकः ओपिनियन पोल के अनुसार एनडीए दक्षिणी राज्य में 2019 के अपने प्रदर्शन को दोहराने के लिए तैयार है। 28 में से 25 सीटों पर जीत हासिल करेगा। कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। यहां पर कांग्रेस की सरकार है और विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात दी थी। केवल 3 सीटें मिलने का अनुमान है। कर्नाटक में बीजेपी जेडीएस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। 2019 में भाजपा ने 25 सीट पर कब्जा किया था। एकमात्र दक्षिणी राज्य है जहां पार्टी महत्वपूर्ण प्रभाव रखती है। गठबंधन करने वाले कांग्रेस और जद (एस) केवल एक-एक सीट हासिल करने में सफल रहे।
5- आंध्र प्रदेशः ओपिनियन पोल में आंध्र प्रदेश के लिए दिलचस्प अनुमान सामने आए हैं। बीजेपी-टीडीपी-जनसेना गठबंधन को बड़ी बढ़त मिल रही है। अनुमानों के मुताबिक बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को आंध्र प्रदेश की 25 में से 18 सीटें मिलने की उम्मीद है। जगन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस ने 2019 में उल्लेखनीय जीत हासिल की थी। 2024 में केवल 7 सीटें जीतने का अनुमान है।
टीडीपी और पवन कल्याण की जन सेना ने हाल ही में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन बनाया है। सीट-बंटवारे की व्यवस्था के तहत टीडीपी 17, बीजेपी 6 और जन सेना 2 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 2019 के चुनावों में वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में अपना दबदबा बनाया और राज्य की 25 में से 22 सीटें जीतीं। रेड्डी की पार्टी लोकसभा चुनावों के साथ-साथ हुए विधानसभा चुनावों में भी विजयी रही।
भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में तेलंगाना की 17 लोकसभा सीट में से चार पर जीत हासिल की थी। कोयंबटूर में मोदी का रोड शो मद्रास उच्च न्यायालय से मंजूरी मिलने के बाद हो रहा है। पुलिस ने ‘सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील’ इलाका होने और परीक्षाओं होने का कारण बताकर रोड शो की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। जिले ने अतीत में भाजपा का समर्थन किया है।
यहां से 1990 के दशक में सीपी राधाकृष्णन भाजपा के टिकट पर दो बार लोकसभा पहुंचे थे जो फिलहाल झारखंड के राज्यपाल हैं। वहीं, 2021 के तमिलनाडु विधानसभा पार्टी की महिला शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वी.श्रीनिवासन ने जीत दर्ज की थी। तीन कार्यक्रम संकेत करते हैं कि 400 सीटें जीतने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए दक्षिणी राज्यों में राजनीतिक तौर पर पैठ बनाने की कोशिश में है।
पार्टी का लक्ष्य पांच दक्षिणी राज्यों आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना के अलावा केंद्र शासित पुडुचेरी और लक्षद्वीप में भी अच्छी बढ़त हासिल करना है। निवर्तमान सदन में, भाजपा का केरल और तमिलनाडु से कोई प्रतिनिधित्व नहीं है, जहां क्रमशः 20 और 39 लोकसभा सीट हैं।