नई दिल्ली: राज्यसभा में मंगलवार को सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता (एलओपी) मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखीनोंझक देने को मिली। दरअसल, कार्यवाही के दौरान, जब कांग्रेस के जयराम रमेश कुछ कहने के लिए खड़े हुए, तो धनखड़ ने उन पर निशाना साधा। धनखड़ ने कहा, "आप इतने बुद्धिमान, इतने प्रतिभाशाली, इतने प्रतिभावान हैं कि आपको तुरंत आकर खड़गे की जगह सीट ले लेनी चाहिए। कुल मिलाकर आप उनका काम कर रहे हैं और उनका (खड़गे का) अपमान कर रहे हैं।"
उपराष्ट्रपति को जवाब देते हुए खड़गे ने सोनिया गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा, "जिसने मुझे बनाया, वह यहां बैठी हैं। कोई जयराम रमेश मुझे नहीं बना सकता।" खड़गे ने कहा, "आपके दिमाग में अभी भी वर्ण व्यवस्था है। इसलिए आप रमेश को बहुत बुद्धिमान और मुझे मूर्ख कह रहे हैं।"
वर्ण व्यवस्था समाज को चार वर्णों (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र) में बांटती है। पिछले हफ्ते धनखड़ ने विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान खड़गे के सदन के वेल में जाने पर दुख जताते हुए कहा था कि यह पहली बार है कि विपक्ष के नेता के पद पर बैठे किसी व्यक्ति ने इस तरह का आचरण किया है।
हालांकि, सोमवार को दोनों नेताओं के बीच कई बार हल्की-फुल्की बातचीत हुई। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान जब खड़गे बोलने के लिए उठे तो उन्होंने कहा कि घुटने में दर्द के कारण वे लंबे समय तक खड़े नहीं रह पाएंगे। धनखड़ ने तुरंत जवाब दिया, "आप बैठकर (सदन को) संबोधित कर सकते हैं।"
इस पर खड़गे ने कहा कि बैठकर भाषण देने से उतना प्रभाव नहीं पड़ता जितना खड़े होकर भाषण देने से पड़ता है। राज्यसभा के सभापति ने इस पर सहमति जताई और हंसते हुए कहा कि बैठकर भाषण देने से कोई "जज्बा" नहीं होता।