योगी सरकार का दावा- गंभीर अपराधों में आई गिरावट, अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति है बेहतर
By भाषा | Updated: October 24, 2019 05:50 IST2019-10-24T05:50:45+5:302019-10-24T05:50:45+5:30
सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2017 के लिए अपराध के आंकड़ों को लेकर आयी रिपोर्ट पर पिछले दो दिन से चर्चा हो रही है, कई तरह की बातें हो रही हैं और सोशल मीडिया पर अनावश्यक टिप्पणियां हो रही हैं।

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उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को दावा किया कि राज्य में गंभीर अपराधों में गिरावट दर्ज की गयी है और अन्य राज्यों के मुकाबले प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री एवं राज्य सरकार के प्रवक्ता महेन्द्र सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''प्रदेश गंभीर अपराध में गिरावट आयी है। कानून व्यवस्था के मामले में अन्य राज्यों के मुकाबले स्थिति बेहतर है और लोगों में सुरक्षा की भावना बढी है।''
सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2017 के लिए अपराध के आंकड़ों को लेकर आयी रिपोर्ट पर पिछले दो दिन से चर्चा हो रही है, कई तरह की बातें हो रही हैं और सोशल मीडिया पर अनावश्यक टिप्पणियां हो रही हैं। ऐसे में सरकार का पक्ष रखना आवश्यक हो गया था। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ''हम सरकार में हैं। सही तथ्य रखना हमारा कर्तव्य है। गलत बातें अगर हो रही हैं, तो हमें स्पष्ट करना आवश्यक है।''
उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए। एक भी छोटी घटना नहीं घटी। यह सुशासन का बहुत बड़ा प्रमाण है। सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुंभ का सफल आयोजन किया गया। राज्य में त्योहार, चाहे किसी धर्म या संप्रदाय के हों, शांतिपूर्वक संपन्न हुए और कोई घटना नहीं घटी।
उन्होंने एनसीआरबी के रिपोर्ट के हवाले से कहा कि देश में 2017 में आईपीसी के तहत कुल 30 लाख 62 हजार 579 मामले दर्ज किये गये, जिनमें से उत्तर प्रदेश में तीन लाख 10 हजार 84 मामले दर्ज हुए। इस प्रकार पूरे भारत में दर्ज हुए आपराधिक मामलों का यह 10.1 प्रतिशत है जबकि उत्तर प्रदेश की आबादी भारत की आबादी का 17. 65 प्रतिशत है।
सिंह ने एक लाख आबादी पर होने वाली घटनाओं को लेकर गणना किये जाने वाले अपराध दर की चर्चा करते हुए कहा कि डकैती के मामले में उत्तर प्रदेश का देश में 26वां स्थान रहा, लूट के मामलों में 16वां, हत्या में 22वां, बलात्कार में 22वां स्थान रहा। प्रवक्ता ने कहा कि जहां तक पुलिस कार्रवाई का सवाल है तो गिरफ्तारी में तीसरा स्थान उत्तर प्रदेश का रहा। दोषसिद्धि में तीसरा, महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में दोषसिद्धि में तीसरा, साइबर अपराध में दोषसिद्धि में पहला और जाली मुद्रा के मामलों में दोषसिद्धि में पहला स्थान उत्तर प्रदेश का देश में रहा।
उन्होंने बताया कि 2016 और 2017 के हिंसात्मक अपराधों की बात करें तो 2016 में 65, 090 मामले हुए जबकि 2017 में ये घटकर 64, 450 रह गये। सिंह ने दावा किया कि 2016 की तुलना में 2017 में हत्या के मामलों में 11.5 फीसदी, डकैती में 7.4 प्रतिशत, लूट में नौ और उगाही में 54 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के पिछले ढाई साल के कार्यकाल के दौरान कोई कर्फ्यू नहीं लगा। कोई समस्या नहीं उत्पन्न हुई। सिंह ने कहा, ''टिप्पणी करने वाले पहले अपने गिरेबान में झांकें।'' संवाददाता सम्मेलन में मौजूद अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि 2018 और 2019 के आंकड़े भी जल्द सामने रखे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि सोशल मीडिया पर अनर्गल बातें करने वाले लोग फिजा खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए माहौल बिगाडने वालों, समुदायों के बीच अनावश्यक विवाद पैदा करने वालों और भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।