एसआईटी ने पंजाब के पूर्व डीजीपी को पकड़ने के लिए शिमला और दिल्ली में मारे छापे
By भाषा | Updated: September 10, 2020 22:06 IST2020-09-10T22:06:27+5:302020-09-10T22:06:27+5:30
अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि उन्होंने पंजाब के होशियारपुर व मोहाली, हरियाणा के डबवाली एवं सिरसा तथा दिल्ली में सैनी से जुड़े लोगों के आवासों पर छापे मारे थे।

एसआईटी ने पंजाब के पूर्व डीजीपी को पकड़ने के लिए शिमला और दिल्ली में छापे मारे। (फाइल फोटो)
चंड़ीगढ़। पंजाब पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने राज्य के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुमेध सिंह सैनी को गिरफ्तार करने के लिए बृहस्पतिवार को दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में छापेमारी की। सैनी 1991 में बलवंत सिंह मुल्तानी के लापता होने के मामले में वांछित हैं। बहरहाल, सैनी एसआईटी के हाथ नहीं आए।
अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि उन्होंने पंजाब के होशियारपुर व मोहाली, हरियाणा के डबवाली एवं सिरसा तथा दिल्ली में सैनी से जुड़े लोगों के आवासों पर छापे मारे थे। सैनी के खिलाफ मुल्तानी की गुमशुदगी को लेकर मई में मामला दर्ज किया गया था। मुल्तानी 1991 में चंडीगढ़ औद्योगिक एवं पर्यटन निगम में कनिष्ठ अभियंता थे। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सैनी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
न्यायमूर्ति फतेह दीप सिंह की पीठ ने सैनी की दूसरी याचिका भी खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने प्राथमिकी को रद्द करने या मामले को जांच के लिए सीबीआई को स्थानांतरित करने की फरियाद की थी। पुलिस ने पिछले महीने मुल्तानी के गुमशुदी मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) का आरोप भी जोड़ दिया था, क्योंकि चंडीगड़ के पूर्व पुलिस निरीक्षक जागीर सिंह और पूर्व एएसआई कुलदीप सिंह गुमशुदगी मामले में सरकारी गवाह बन गए थे। वे भी इस मामले में आरोपी है।
तीन सितंबर को पंजाब पुलिस ने दावा किया था कि सैनी उन्हें मिली जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा को छोड़ कर “फरार“ हो गए हैं। चंडीगढ़ पुलिस में तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सैनी पर 1991 में आतंकवादी हमला होने के बाद, मोहाली निवासी मुल्तानी को पुलिस ने हिरासत में लिया था। बाद में पुलिस ने दावा किया कि मुल्तानी गुरदासपुर के कादियान में पुलिस हिरासत से फरार हो गया। मुल्तानी के भाई पलविंदर सिंह मुल्तानी की शिकायत पर सैनी और छह पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।