मानवता दिखाते हुए ‘शहीद’ किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा दें प्रधानमंत्री: राहुल गांधी

By भाषा | Updated: December 3, 2021 20:16 IST2021-12-03T20:16:46+5:302021-12-03T20:16:46+5:30

Showing humanity, PM should give proper compensation to the families of 'martyr' farmers: Rahul Gandhi | मानवता दिखाते हुए ‘शहीद’ किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा दें प्रधानमंत्री: राहुल गांधी

मानवता दिखाते हुए ‘शहीद’ किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा दें प्रधानमंत्री: राहुल गांधी

नयी दिल्ली, तीन दिसंबर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि कानून विरोधी आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों का ‘रिकॉर्ड सरकार के पास नहीं होने’ को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘असंवेदनशील और कायराना तरीके’ से व्यवहार करने का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें मानवता दिखाते हुए इन ‘शहीद’ किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा प्रदान करना चाहिए।

उन्होंने ‘किसान आंदोलन के दौरान मारे गए 500 से अधिक किसानों की एक सूची’ भी सार्वजनिक की और कहा कि वह यह सूची सोमवार को लोकसभा के पटल पर रखेंगे।

राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सरकार के पास मृत किसानों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। उनको ये नहीं मालूम है कि किन 700 किसानों ने आंदोलन के दौरान शहादत दी। हमने थोड़ा काम किया। पंजाब की सरकार के पास 403 नाम हैं, जिनके परिवार वालों को हमारी सरकार ने 5-5 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। 152 किसानों के पारिवारों के सदस्यों को हमने नौकरी दी है और बाकी लोगों को भी नौकरी देने वाले हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आंदोलन के समय जान गंवाने वाले किसानों की सूची यहां है, जिसमें 503 नाम हैं। बाकी किसानों के नाम सार्वजनिक रिकॉर्ड से हमारे पास हैं। उनको सत्यापित करने के बाद सरकार सभी ऐसे 700 से अधिक किसानों के परिजनों को मुआवजा दे, जिनकी मौत आंदोलन के दौरान हुई।’’

उन्होंने दावा किया कि सरकार कोरोना महामारी में मारे गए लोगों और किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मुआवजा नहीं देना चाहती है, जिस वजह से वह मौत के आंकड़े स्वीकार नहीं कर रही है।

राहुल ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री और सरकार को मानवता दिखाते हुए किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा देना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने सवाल किया, ‘‘जब प्रधानमंत्री ने अपनी गलती स्वीकार कर ली, माफी मांग ली तो फिर मुआवजा देने में क्या परेशानी है?’’

उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘ आपने लोगों को ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं दिया, आपने उनको अस्पताल में बेड नहीं दिया, उनकी गलती तो नहीं थी। किसानों को आपने स्वयं कहा कि मैंने ग़लत कानून लागू कर दिया। आप कह रहे हो कि हां मेरी गलती थी, फिर आप कह रहे हैं कि कोई मरा ही नहीं है। भारत के प्रधानमंत्री को इस तरह से व्यवहार नहीं करना चाहिए। यह अरुचिकर, अनैतिक और कायराना तरीके से व्यवहार करना हुआ।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की 25-30 लाख रुपये की मदद की जा सकती है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सत्ता में बैठे लोग अहंकार में हैं और उन्हें लगता है कि किसी की सुनवाई करने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास किसानों, मजदूरों और गरीबों के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन तीन-चार पूंजीपतियों के लिए उसके पास पैसे की कोई कमी नहीं है।

गौरतलब है कि सरकार ने गत 30 नवंबर को बताया था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आसपास कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मृत किसानों की संख्या संबंधी आंकड़ा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास नहीं है।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी दी थी। राजीव रंजन सिंह, टी आर प्रतापन, एन के प्रेमचंद्रन, ए एम आरिफ, डीन कुरियाकोस, प्रो. सौगत राय और अब्दुल खालीक ने पूछा था कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के आसपास आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई है।

तोमर ने बताया था, ‘‘कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पास इस संबंध में कोई आंकड़ा नहीं है।

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