शिवाजी जयंती 2021: भारत का गौरवशाली इतिहास कई सपूतों की कहानियों से भरा हुआ है। इनमें से ही एक वीर सपूत छत्रपति शिवाजी महाराज भी हैं। एक महान योद्धा, महान देशभक्त और कुशल प्रशासक शिवाजी का जन्म 19 फरवरी, 1630 को पुणे के पास शिवनेरी दुर्ग में हुआ। ऐसे में देश इस बार उनकी 391वीं जयंती मना रहा है।
मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले शिवाजी महाराज ने मुगलों को कई मौकों पर हराया। कई युद्ध शिवाजी ने अपने साहस और बुद्धिमता से जीते। यही कारण है कि उन्हें एक बेहतरीन रणनीतिकार माना जाता है। छापामार युद्ध की एक नई शैली उन्होंने विकसित की और कई सालों तक मुगल शासक औरंगजेब से लोहा लिया।
शौर्य के प्रतीक शिवाजी महाराज
शिवाजी का पूरा नाम शिवाजी भोंसले था। पिता का नाम शाहजी भोंसले और माता का नाम जीजाबाई था। शिवाजी का नाम एक क्षेत्रीय देवी शिवाई के नाम पर रखा गया था। शिवाजी का बचपन माता जीजाबाई के मार्गदर्शन में गुजरा और इसी दौरान उन्होंने राजनीति की शिक्षा और युद्ध विद्या भी हासिल की।
बेहद कम आयु में ही स्थानीय लोगों के साथ आसपास के दुर्गों और दर्रों का भ्रमण करने से उन्हें इनकी जानकारी हासिल हुई। कुछ साहसिक लोगों का दल बनाकर उन्होंने केवल 19 साल की उम्र में पुणे के करीब तोरण के दुर्ग पर अधिकार कर अपना संघर्ष शुरू किया। इस तरह धीरे-धीरे उनका विदेशी शासकों की बेड़ियां तोड़ने का संकल्प प्रबल होने लगा।
शिवाजी जयंती: 1674 में राज्याभिषेक, कहलाए छत्रपति
शिवाजी का राज्यभिषेक 1674 में हुआ। यहीं से मराठा साम्राज्य की शुरुआत भी हुई। शिवाजी ने इसके बाद करीब 6 साल तक शासन किया। इस दौरान उन्होंने बेहतरीन प्रशासकीय उदाहरण भी पेश किया। उन्होंने अपने राज में हर धर्म और जाति के लोगों के लिए भयमुक्त माहौल तैयार करने की कोशिश की।
कहा जाता है 1680 में कुछ बीमारी की वजह से अपनी राजधानी पहाड़ी दुर्ग रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी की मृत्यु हो गई थी। हालांकि उनकी मौत को लेकर भी कई तरह के कयास अब भी लगाए जाते हैं। कई इतिहासकारों ने लिखा कि उन्हें साजिश के तहत जहर दिया गया था। इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई और फिर उन्हें बचाया नहीं जा सका।