शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव 2019 लड़ने से इनकार कर दिया है। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को शिरोमणि अकाली दल (बादल) बिना शर्त समर्थन कर रही है। बीजेपी इससे पहले पंजाब और उत्तराखंड में अकाली दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी हरियाणा की आठ लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है।
इनेलो से राजनीतिक रिश्ते खत्म होने के बाद यह पहला मौका है, जब अकाली दल ने हरियाणा में बीजेपी का बिना शर्त समर्थन करने का निर्णय लिया है। इस बात की घोषणा 12 अप्रैल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नरवाना दौरे के दौरान किया। अकाली दल नेताओं की मौजूदगी में मुख्यमंत्री ने इस लोकसभा चुनाव में अकाली दल का समर्थन मिलने की बात कही।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शिरोमणि अकाली दल (बादल) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा राज्यसभा सदस्य बलविंद्र सिंह भूंदड, अकाली दल के प्रदेश अध्यक्ष शरणजीत सिंह सोंटा और एकमात्र विधायक बलकौर सिंह के साथ बैठक के बाद दोनों दलों के बीच आपसी सहमति बनी है।
13 लाख से अधिक सिख मतदाताओं की संख्या
हरियाणा में दो दर्जन विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर सिख मतदाता अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। सूबे में सिख मतदाताओं की संख्या 13 लाख से अधिक है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों के लिए काम करेगा, जबकि अगला विधानसभा चुनाव दोनों दल मिलकर लड़ेंगे। विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे पर अलग से बातचीत होगी। बीजेपी पंजाब में अकाली दल (बादल) की सहयोगी पार्टी है तथा वहां सत्ता में भागीदार भी रह चुकी है।