Sheohar Lok Sabha seat: बिहार में शिवहर लोकसभा सीट इस चुनाव में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। दरअसल, बिहार की यह एकमात्र सीट है, जहां पर 2 महिला उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला हो रहा है। एक ओर एनडीए की तरफ से जदयू के टिकट पर पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद हैं तो दूसरी ओर महागठबंधन की ओर से राजद की प्रत्याशी रितु जायसवाल हैं। पिछली बार इस सीट से भाजपा की रमा देवी ने चुनाव जीता था, लेकिन इस एनडीए में यह सीट जदयू के खाते में गई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि यहां चाहे जो जीते, लेकिन जीत किसी महिला की ही होगी।
शिवहर से 10 सांसद बने, 7 सांसद राजपूत जाति से रहे
शिवहर लोकसभा सीट जहां कभी बाहुबली नेता आनंद मोहन की तूती बोलती थी। लेकिन अब समीकरण बदल गए हैं। शिवहर बिहार के सबसे छोटे जिलों में से एक है। पहले यह जिला मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी का हिस्सा रह चुका है। इस लोकसभा सीट पर राजपूत जाति का दबदबा रहा है। अब तक यहां से 10 सांसद बने हैं। इसमें 7 सांसद राजपूत जाति से रहे हैं।
चेतन आनंद के पिता आनंद मोहन हैं
जबकि, दो वैश्य और एक मुस्लिम सांसद बने हैं। शिवहर लोकसभा क्षेत्र बिहार की एक मात्र ऐसी सीट है जहां सिर्फ एक ही विधानसभा क्षेत्र है। इस विधानसभा क्षेत्र का नाम शिवहर है। शिवहर से राजद के चेतन आनंद विधायक हैं, लेकिन अभी हाल ही में उन्होंने पाला बदलते हुए जदयू का दामन थाम लिया है। चेतन आनंद के पिता आनंद मोहन हैं।
आनंद मोहन सिंह गोपालगंज के डीएम रहे जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में 16 साल तक जेल में रहे
आनंद मोहन यहां से 2 बार के सांसद रह चुके हैं। आनंद मोहन की छवि दबंग नेताओं में मानी जाती है। ऐसे में जदयू उम्मीदवार लवली आनंद के पति आईएएस अधिकारी की हत्या में दोषी हैं तो रितु जायसवाल के पति आईएएस अधिकारी रहे हैं। बता दें कि लवली आनंद के पति आनंद मोहन सिंह गोपालगंज के डीएम रहे जी. कृष्णैया की हत्या के मामले में 16 साल तक जेल में रहे हैं।
महागठबंधन उम्मीदवार रितु जायसवाल के पति अरुण कुमार आईएएस अधिकारी रहे
चुनाव से ठीक पहले नीतीश सरकार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार ने जेल मैनुअल में संशोधन करके आनंद मोहन सिंह को रिहाई दी थी। इसे लेकर बिहार और उसके बाहर की सियासत में अच्छा-खासा शोर हुआ था। उधर महागठबंधन उम्मीदवार रितु जायसवाल के पति अरुण कुमार आईएएस अधिकारी रहे हैं।
रितु जायसवाल को लालू परिवार का बेहद भरोसेमंद माना जाता
अरुण कुमार ने आईएएस सेवा से वीआरएस लेकर पंचायत का चुनाव लड़ा था और उन्हें चुनाव में जीत भी मिली थी। हालांकि, विपक्ष लगातार कह रहा है कि राजद प्रत्याशी के पति अरुण कुमार आईएएस नहीं हैं। इस पर रितु जायसवाल ने गोल-गोल जवाब दिया। रितु जायसवाल को लालू परिवार का बेहद भरोसेमंद माना जाता है। रितु मुखिया रह चुकी हैं।
शिवहर को जिला बनाने का श्रेय रघुनाथ झा को है
2020 में उन्होंने विधानसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ा था, लेकिन सफलता नहीं मिली थी। राजनीतिक प्रतिनिधित्व की बात करें तो शिवहर के 2 सांसद रामदुलारी सिन्हा और हरिकिशोर सिंह को राज्यपाल बनने का गौरव हासिल है। शिवहर को जिला बनाने का श्रेय रघुनाथ झा को है। उन्होंने पांच प्रखंडों की धरती को जिला बनवाया था।
बड़े-बड़े दिग्गज और बाहुबली नेता सांसद बन चुके हैं
वैसे तो कांग्रेस ने इस लोकसभा सीट पर 6 बार अपना कब्जा जमाया, लेकिन अब यहां से लगातार तीन बार भाजपा जीतते आ रही है। शिवहर राजपूतों के लिए बहुमूल्य सीट माना जाता है। लेकिन, यह सीट फिलहाल वैश्य समाज के कब्जे में है। यहां से बड़े-बड़े दिग्गज और बाहुबली नेता सांसद बन चुके हैं।
शिवहर शुरू में मुजफ्फरपुर उत्तर-पश्चिम सीट के रूप में जाना जाता था। बाद में इसका नाम पुपरी रख दिया गया था। 1953 में लोकसभा के पहले चुनाव में इस सीट से जुगल किशोर सिन्हा ने जीत दर्ज की थी। वे फ्रीडम फाइटर थे और क्षेत्र में लोकप्रिय थे। अगले चुनाव में नाम बदलने के साथ ही सांसद भी बदल गए। पुपरी नाम होने पर यहां से कांग्रेस पार्टी के दिग्विजय सिंह ने जीत दर्ज की थी।
1984 में भी कांग्रेस से राम दुलारी सिन्हा ही सांसद बनीं
बाद में उम्मीदवार जरूर बदलते रहे, लेकिन क्षेत्र पर कब्जा कांग्रेस का ही रहा। 1977 को छोड़ दे तो लगातार 1984 तक कांग्रेस ने ही शासन किया है। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के ठाकुर गिरजानंदन सिंह सांसद बने। 1980 के चुनाव में राम दुलारी सिन्हा सांसद बनीं। 1984 में भी कांग्रेस से राम दुलारी सिन्हा ही सांसद बनीं।
2009 में भाजपा की उम्मीदवार रमा देवी लगातार तीन बार से निर्वाचित होते आ रही हैं
इसके बाद 1989 और 1991 दोनों बार जनता दल के हरि किशोर सिंह को सफलता मिली। 1996 में समता पार्टी के आनंद मोहन सिंह यहां से निर्वाचित हुए। अगले चुनाव 1998 में ऑल इंडिया राष्ट्रीय जनता पार्टी के टिकट पर फिर से आनंद मोहन सिंह विजेता बने। 1999 के चुनाव में लालू यादव की पार्टी राजद से मोहम्मद अनवारुल हक विजयी रहे।
2004 के चुनाव में भी उनकी पार्टी को जीत मिली और सीताराम सिंह यहां से सांसद बने। 2009 में भाजपा की उम्मीदवार रमा देवी लगातार तीन बार से निर्वाचित होते आ रही हैं। रमा देवी पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की पत्नी हैं। बृज बिहारी प्रसाद आईजीआईएमएस गोलीकांड में मारे गए थे।