पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. प्रेम कुमार को विधानसभा का 18 वां अध्यक्ष चुन लिया गया। डॉ. प्रेम कुमार को निर्विरोध और सर्वसम्मति से बिहार विधानसभा का अगला अध्यक्ष चुना गया। डॉ. प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने की औपचारिक घोषणा होते ही सदन में “हर हर महादेव” और “जय श्री राम” के नारे गूंज उठे। इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मिलकर उन्हें अध्यक्ष के कुर्सी तक लाया। डॉ. प्रेम कुमार के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें बधाई दी। साथ ही उनके काम की जमकर सराहना भी की।
वहीं, विधान सभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने अपने संबोधन की शुरुआत भगवद गीता के श्लोक से की। उन्होंने कहा कि आप सभी ने सर्वसम्मति से मुझे चुना, इसके लिए मैं आभारी हूं। अध्यक्ष के रूप में मेरा कर्तव्य होगा कि मैं सदन के नियमों का पालन करते हुए सभी सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करूं। हमें यह सुनिश्चित करना है कि विचारों की विविधता के बीच संवाद को बढ़ावा मिले। हमें जनता की सेवा का अवसर मिला है। मेरे लिए सरकार और विपक्ष दोनों समान रूप से महत्वपूर्ण होंगे’। प्रेम कुमार के विधानसभा अध्यक्ष बनने के बाद सदन में पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने उनका अभिवादन किया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान सदन के सदस्यों को खड़े होकर नये अध्यक्ष को प्रणाम करने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि आज डॉ. प्रेम कुमार को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है। पूरे सदन की ओर से मैं उनका अभिनंदन करता हूं। सभी दल के नेताओं और सदस्यों को अध्यक्ष के निर्विरोध निर्वाचन में सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार मंत्री के रूप में बहुत अच्छा काम करते रहे हैं और उनका बहुत लंबा अनुभव रहा है। सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि सदन के संचालन में विधानसभा अध्यक्ष का पूरा सहयोग करें।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने सदन में मौजूद सदस्यों से कहा कि एक बार सभी लोग खड़े होकर विधानसभा अध्यक्ष को प्रणाम कर दें। इसके बाद सभी दलों के विधायकों ने खड़े होकर विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार को प्रणाम किया और उनके स्पीकर बनने पर खुशी जताई। लेकिन तेजस्वी यादव के बैठे रहने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टोका और कहा ’ऐ खडा होकर प्रणाम करो। जिसके बाद तेजस्वी यादव भी खडे हो गए।
इस दौरान सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी प्रेम कुमार के विधानसभा अध्यक्ष बनने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि दल और लालू प्रसाद यादव की ओर से भी उन्हें शुभकामनाएं हैं। तेजस्वी ने कहा कि प्रेम कुमार ज्ञान और मोक्ष की धरती से आते हैं, इसलिए उस धरती को भी नमन है। तेजस्वी ने उम्मीद जताई कि नए अध्यक्ष सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों को साथ लेकर चलेंगे और अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किसी को निराश नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा है।
बता दें कि गया शहर से लगातार नौ बार चुनाव जीत चुके डॉ. प्रेम कुमार बिहार की राजनीति में एक मजबूत और भरोसेमंद चेहरा माने जाते हैं। 1990 से लगातार चुनाव जीतना किसी भी नेता के लिए बड़ी उपलब्धि है, और इसी वजह से वे बिहार विधानसभा के सबसे अनुभवी विधायकों में शामिल हैं। 2025 में भी उन्होंने तीसरी बार जीत की हैट्रिक लगाई। यह जीत उनके ऊपर जनता के भरोसे और उनकी लोकप्रियता को और मजबूत करती है। 69 वर्षीय प्रेम कुमार का प्रशासनिक अनुभव भी बेहद लंबा और प्रभावशाली रहा है। वे कई अहम विभागों का नेतृत्व कर चुके हैं। कृषि, पशुपालन, पर्यटन, सहकारिता, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण विभाग के मंत्री के रूप में उन्हें काम करने का अनुभव प्राप्त है।
सत्र के दूसरे दिन प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने सदन की कार्यवाही शुरू की और विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया संपन्न कराई। एनडीए गठबंधन की ओर से प्रेम कुमार एकमात्र उम्मीदवार थे, जिसका अर्थ है कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने सर्वसम्मति से उनके नाम पर मुहर लगा दी थी। उनके नामांकन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा सहित एनडीए के सभी प्रमुख नेता मौजूद थे, जो गठबंधन की एकता को दर्शाता है।
इससे पहले, सत्र के पहले दिन सोमवार को 235 नवनिर्वाचित विधायकों को प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी। ऐसे में आज 5 विधायकों ने शपथ ग्रहण किया। उन पांच विधायकों में मदन सहनी, विनय बिहारी, जीवेश मिश्रा, केदार नाथ सिंह और डॉ. सुनील कुमार शामिल हैं। जबकि 2 ऐसे विधायक हैं जो आज भी गैरहाजिर रहे। उन विधायकों में कुचायकोट के विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय और मोकामा के अनंत सिंह शामिल हैं।
विधानसभा सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यपाल सदन को संबोधित करेंगे। अपने अभिभाषण में वे सरकार की नीतियों, उपलब्धियों और भावी योजनाओं का ब्योरा देंगे। चौथे और पांचवें दिन अभिभाषण पर चर्चा होगी, जिसमें सत्ता और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी तैयारी के साथ उतरेंगे। इस दौरान अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा, जिस पर विस्तृत बहस होने की संभावना है।